बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव शरह बरौलिया के सिध्द बाबा इंटर कालेज के परिसर में चल रही रामकथा के तीसरे दिन राम जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। कथावाचक अतुल कृष्ण महाराज ने कहा जब-जब धरती पर अधर्म का बढ़ता है,तब-तब भगवान को किसी न किसी रूप में अवतार लेना पड़ता है। जिससे असुरों का नाश होता है और अधर्म पर धर्म की विजय होती हैं। भगवान चारों ओर कण-कण में विराजमान हैं। इन्हें प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता सच्चे मन की भक्ति हैं। त्रेता युग में जब असुरों की संख्या बढ़ने लगी तो माता कौशल्या की कोख से भगवान राम का जन्म हुआ। महाराज ने आगे कथा का वर्णन करते कहा कि भगवान सर्वत्र व्याप्त हैं सच्चे मन से सुमरिन करने से प्राप्त हो जाते हैं। धर्म एवं सम्प्रदाऊ में अंतर करते हुए अतुल जी महाराज ने कहा कि धर्म व्यक्ति के अंदर एकजुटता का भाव पैदा करता हैं,वही सम्प्रदाय व्यक्ति को बाहरी रूप से एक बनाता हैं। मानव को एकजुटता की व्याख्या करते हुए कहा एक पुस्तक, एक पूजा स्थल, एक पैगम्बर एक पूजा पद्वति को सीमित एवं संकुचित बनाती जबकि ईश्वर के विभिन्न रूपों का विभिन्न माध्यमों से स्मरण करना मात्र सनातन धर्म ही सिखाता हैं। भगवान राम के जन्म की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान ने राजा दशरथ, रानी कौशल्या के घर जन्म लिया। जिससे समस्त अयोध्या वासी प्रसन्न हो गए। बीच-बीच मे कथावाचक द्वारा गए भजनों से श्रोता झूम उठे। आज रामकथा में अनिल शर्मा. गोविन्द पाठक, मनोज पाठक, मुनीश पाठक, सर्वेश फौजी, बृजेश शंखधार, रामेश्वर दयाल शर्मा, नीरज सक्सेना, प्रमोद शर्मा, रीना सिंह, कुसुम सिंह, शालू सिंह, शीला सिंह, नेहा सिंह, सुदीक्षा आदि मौजूद रहे।