लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की खाली झोली को जबरदस्त धन देकर भरने वाली योजनाओं में गाजियाबाद जनपद की ‘वसुंधरा योजना’ की गिनती मुख्य रूप से होती है। इस महत्वाकांक्षी योजना से परिषद ने नाम व भरपूर लाभ कमाने का कार्य किया है। एक तरफ तो इस ‘वसुंधरा योजना’ की अपार सफलता में परिषद की नीतियो का बड़ा योगदान है, वहीं दूसरी तरफ इस योजना के लिए जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया उन सभी विस्थापित किसानों का भी बेहद अनमोल योगदान है, क्योंकि इस योजना के विस्थापित किसानों ने अपनी मांगों को लेकर के वर्ष 1999 में परिषद से हुए समझौते के बाद फिर कभी योजना के कार्य को रोकने का कार्य नहीं किया था। हालांकि आज दशकों बाद भी इन विस्थापित किसानों को समझौते के अनुरूप उनका तय हक नहीं मिल पाया है, लेकिन फिर भी इस योजना के विस्थापित किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘किसान समिति गाजियाबाद’ ने ‘वसुंधरा योजना’ के कार्यों पर समझौते में किये गये वायदे के अनुरूप कभी रोक नहीं लगाई। हालांकि ‘किसान समिति गाजियाबाद’ ने कभी हार नहीं मानी और निरंतर विस्थापित किसानों के हक की लड़ाई को दशकों बाद भी शांतिपूर्ण ढंग से लड़ती रही। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने पर ‘किसान समिति गाजियाबाद’ को एकबार फिर से न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, क्योंकि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के पूर्व आवास आयुक्त व मौजूद आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद समझौते की शर्तों पर तेजी के साथ कार्य कर रहें हैं, जिससे दशकों से लंबित चले आ रहे हक मिलने की किसानों को आस जगी है। उसी क्रम में आज ‘किसान समिति गाजियाबाद’ के सदस्यों की आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद से बैठक हुई, जिस बैठक में किसानों ने समझौते के अनुपालन में तेजी लाने के लिए आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद का तहेदिल से आभार व्यक्त करने का कार्य किया, ‘किसान समिति गाजियाबाद’ के सदस्यों ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद जी की कलम दशकों से लंबित चले आ रहे किसानों के हक को जल्द से जल्द उन्हें न्याय प्रदान करेगी। इस अवसर पर किसान समिति के अध्यक्ष सतीश नागर, उपाध्यक्ष बलराम सिंह, महासचिव आदेश त्यागी, सचिव आशीष कौशिक, रिंकू शर्मा, ओमप्रकाश नागर श्रीचन्द नागर, याकूब आदि किसान उपस्थित थे ।