सामूहिक विवाह में ब्याहे गए दो बच्चों के मां-बाप, शिकायत के बाद डीएम ने गांव भेजी जांच टीम
कानपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संबंधित जिम्मेदारों के हाथ की कठपुतली बन चुकी है। समय-समय पर इसका प्रमाण जिले में मिलता रहा है। इस बार भी योजना के तहत बिछिया ब्लॉक में एक ऐसे जोड़े का विवाह कर दिया गया। जो पांच साल पहले से ही शादीशुदा हैं। इतना ही नहीं इस दंपती के दो बच्चे भी हैं। यह सब जानते हुए भी योजना के कर्ताधर्ता एक ब्लॉक कर्मचारी ने विवाहित लड़के और लड़का का सामूहिक विवाह में रजिस्ट्रेशन करा दिया। अब विवाह करने वाले, कराने वाले और संबंधित कर्मचारी पर रिकवरी के साथ एफआइआर की कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है।
शादीशुदा जोड़े को सामूहिक विवाह योजना में शामिल करते हुए नवाबगंज ब्लॉक में दो दिसंबर को हुए विवाह समारोह में सरकारी व्यवस्था के हिसाब से दान-दहेज भी दिया गया। मामले की शिकायत होने पर विवाहिता महिला की मां ने हलफनामे पर इसकी जानकारी दी, जिसमें कहा गया है कि उसकी पुत्री शशी निवासी बड़ौरा गांव का विवाह पांच साल पहले ही बृजभान पुत्र स्वर्गीय कालीचरण निवासी एलतवारपुर ब्लॉक नवाबगंज के साथ हो चुका है। इनकी दो संतानें भी हैं, लेकिन इनका विवाह दोबारा 2 दिसंबर को संबंधित योजना में शामिल करते हुए किया जा चुका है। इसके आधार पर नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरुण ङ्क्षसह ने 14 दिसंबर को इसकी शिकायत डीएम से की। .
डीएम रवींद्र कुमार ने सीडीओ व समाज कल्याण अधिकारी को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए। जिसकी जांच के लिए शुक्रवार को समाज कल्याण अधिकारी, एडीओ व बीडीओ आदि संबंधित जोड़े के गांव पहुंचे। जहां समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि लड़का व लड़की दोनों ही लिव इन रिलेशनशिप में थे लेकिन बच्चे होने के बाद यह संबंधित योजना में पात्र नहीं माने जाएंगे।
प्रधान और सचिव भी दोषी
मामले में जांच के बाद पाया गया है कि संबंधित ग्राम प्रधान और सचिव सुरेंद्र सिंह ने गलत रिपोर्ट दी। इसके आधार पर डीएम के निर्देश पर संबंधित सचिव को निलंबित किया जाएगा। जबकि, प्रधान पर भी कार्रवाई होगी। वहीं, सबकुछ जानते हुए विवाह में शामिल होने वाले युवक बृजभान पर एफआइआर करवाई जाएगी।
इनका ये है कहना
संबंधित जोड़े को योजना में दी जाने वाली आर्थिक मदद के 35 हजार अभी नहीं दिए गए हैं। वहीं, जो उपहार व अन्य सामग्री दी गई हैं। वह भी वापस ली जाएगी। ज्ञानेंद्र सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी




















































































