वयोवृद्ध नारियों और वरिष्ठ साहित्यकारों का किया गया सम्मान

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बदायूँ:  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर समग्र सामाजिक परिवर्तन का संकल्प लेकर जनपद भर में होने वाले जनजागरण कार्यक्रमों की श्रृंखला में भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में सहसवान में  “” नारी के प्रति बढ़ते अपराध व निवारण के उपाय “” विषयक तहसील स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन भारतीय कृषक पंचायत के संयोजक कैप्टन राम सिंह की अध्यक्षता में, तहसील समन्वयक आर्येन्दर पाल सिंह के संयोजन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में व्यवस्था सुधार मिशन के जनक व भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में अभियान के मार्गदर्शक एस सी गुप्ता, धनपाल सिंह, संरक्षक डॉ राम रतन सिंह पटेल उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम उपस्थित जनों ने राष्ट्रपिता व भारतमाता के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। तदन्तर जिला समन्वयक एम एच कादरी व भारतीय कृषक पंचायत के सह संयोजक वेदपाल सिंह कठेरिया द्वारा राष्ट्र राग “” रघुपति राघव राजाराम …….””  का सामुहिक कीर्तन कराया गया। संरक्षक एम एल गुप्ता द्वारा ध्येय गीत ” जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो…..” प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल व मंडल समन्वयक शमसुल हसन ने संगठन का परिचय ,रीति नीति, कार्य पद्धति , उद्देश्यों व परिणामों से परिचित कराया। सहसवान तहसील के सूचना कार्यकर्ताओं को परिचय पत्र भी वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए व्यवस्था सुधार मिशन के जनक एवं भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड एडवोकेट ने कहा कि आज सहसवान तहसील के प्रमुख सूचना/सामाजिक कार्यकर्ता आज बड़े ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने यहां एकत्र हुए हैं, हम समस्या पर नहीं समाधान पर चर्चा करने एकत्र हुए हैं। समाधान का हिस्सा बनने हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हर गांव में एक प्रशिक्षित व्यक्ति पूरे गांव के परिवर्तन का कारण बनेगा। इस प्रकार के आयोजन जनपद भर में होने से आने वाले समय में बदायूँ जनपद देश का प्रथम भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, व्यभिचार मुक्त, आत्म निर्भर जनपद बन सकेगा और बदायूँ में उत्पन्न हुआ विचार पूरे देश को दिशा देने का कार्य करेगा।

श्री राठोड़ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर वर्ष 2011 मे संगठन की स्थापना हुई। महात्मा गांधी ने हर विषय पर विचार दिए हैं, उनके नारी के संदर्भ में व्यक्त किए गए विचार वर्तमान परिस्थितियों में सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। गांधी जी के विचारों का अनुसरण किया जाए तो समाज में नारी के प्रति आदर का भाव विकसित होगा। कठोर कानून बनाने से घटनाएं नही रुकेंगी बल्कि सामाजिक चेतना से ही दुष्कर्म की घटनाएं रुकेंगी। गाँधी जी के विचारों को जन जन तक पहुचाने का कार्य सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ता करेंगे। जनपद बदायूं मे उघैती कांड की पुनरावृत्ति न हो, धर्म स्थलों में नारी की अस्मिता पर हमले न हो,  महिलाओं के प्रति श्रद्धा व आस्था का वातावरण निर्मित हो, इसके लिए संगठन की ओर से जनपद में पचास प्रमुख स्थानों पर विचार गोष्ठियों के आयोजन का निर्णय लिया गया है, इन गोष्ठियों में साहित्यकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। साहित्यकार सामाजिक परिवर्तन का कारण बनेंगे। धर्म स्थलों में शिक्षित और प्रशिक्षित व्यक्ति ही धार्मिक कार्य कराए, इसके लिए भी मुहिम चलाई जाएगी। सोशल मीडिया के सकारात्मक व सृजनात्मक प्रयोग की आवश्यकता है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया समाज को प्रभावित कर रही है। संदिग्घ चरित्र के पुरुषों और महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें उपेक्षित व बहिष्कृत करने का साहस नागरिकों को जुटाना पड़ेगा। इस दिशा में समाज को जाग्रत करने मे सूचना कार्यकर्ताओं की बड़ी भूमिका रहेगी।
कार्यक्रम में जनपद के पांच श्रेष्ठ साहित्यकारों डॉ नासिर, विष्णु असावा, प्रमोद, हर्ष वर्धन मिश्रा, शिव कुमार शर्मा शॉल व माला भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में 80 वर्ष से105 वर्ष आयु की पाँच वयोवृद्ध महिलाओं रामबती, हरप्यारी, रामबेटी, मोरकली व धर्मवती को फूल माला पहनाकर व शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से एम एच कादरी, महेश चंद्र, वीरेंद्र कुमार, राजेश गुप्ता, सुशील कुमार सिंह , सतेन्द्र सिंह, अखिलेश सोलंकी,भानु प्रताप सिंह, ,राजवीर, भुवनेश , रजनेश, सत्यवीर सिंह, हरिओम, रणविजय, किशनवीर, श्रीराम, सतीश कुमार, मोरपाल सिंह, पुत्तूलाल, नितिन, यादराम, बाबूराम, मोनू सिंह, नरेश कुमार, शिवम, नरेश कुमार, गजेंद्र पाल, मो मुशाही6, अजयपाल, जय प्रकाश, मसर्रत अली , रवि कुमार, जुल्फिकार, उदयभान सिंह, इकरार अली, शाहनबाज कादरी, अमित शर्मा, अमीरुद्दीन, वीरपाल, सुभाष सिंह , हरिओम गुप्ता, किशनवीर, भुवनेश कुमार, राजवीर, प्रमोद कुमार, रिजवान, पिंकुल कुमार, मुनेश कुमार, राजीव कुमार चौहान, हरिओम यादव, रामकिशोर, अमरीश, धर्मेंद्र, राशिद खां, दीपक वार्ष्णेय,, अजयपाल, वीरपाल, भगवानदास, सुशील चौहान, विकास कुमार, रामनिवास वर्मा, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, विजनेश कुमार, आशाराम शाक्य, जसवंत, रामवीर, विपिन कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि व साहित्यकार षत वदन शंखधार ने किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक आर्येन्दर पाल सिंह ने सभी का आभार प्रकट किया।