सैकड़ों प्रेमियों ने रामा देवी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी
बदायूँ। श्रीमद ब्रह्मदत्त गोशाला की संस्थापिका अध्यक्षा रामा देवी (85 वर्ष) का विगत 30 जनवरी को आकस्मिक निधन हो गया था। उनके निधन से पूरे गोशाला परिवार में शोक की लहर दौड़ गयी। उनका अंत्येष्टि संस्कार पूर्ण वैदिक विधि द्वारा सम्पन्न किया गया था। रविवार को गोशाला प्रांगण में ही शांति यज्ञ, श्रद्धाञ्जलि एवं ब्रह्म भोज का कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें सैकड़ों गोप्रेमियों एवं परिवार के सदस्यों ने दुःखी मन से रामा देवी को अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि दी। पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि पंडित ब्रह्मदत्त जी ने अपनी धर्मपत्नी रामा देवी के साथ मिलकर इस गोशाला की नींव रखी थी। जो कि अब यह विशाल रूप ले चुका है। दोनों के त्याग, तपस्या को कभी भुलाया नहीं जा सकता। गुरुकुल के प्रबंधक आचार्य वेदव्रत ने पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि गोशाला परिवार से उनका परिवार जैसा रिश्ता है। एक समय यहाँ केवल गोशाला और गुरुकुल ही थे। स्वर्गीय ब्रह्मदत्त जी और उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीया रामा देवी के अंदर गोसेवा का जुनून विद्यमान था। उन्होंने अपना सब कुछ बेचकर गोसेवा में लगा दिया था। यह हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है।साहित्यकार एवं वरिष्ठ समाजसेवी अशोक खुराना ने उपस्थित गो सेवकों को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि माता रामादेवी के निधन के उपरांत गोशाला को विधिवत चलाने हेतु मैं आप सब से समुचित दान व सहयोग की अपील भी करता हूँ ताकि यह गोशाला एक आदर्श गोशाला के रूप में जानी जाती रहे और हम सब भी इसमें सहयोग करते हुए पुण्य के भागीदार बन सकें। उन्होंने माता रामादेवी को पंक्तियाँ समर्पित करते हुए कहा-निःस्वार्थ गोसेवा का रामा देवी ने ख़ूब किया निर्वाह!अब हम सब का दायित्व है कि चलता रहे गोसेवा का प्रवाह!!प्रख्यात वैदिक विद्वान एवं रामा देवी के ज्येष्ठ सुपुत्र आचार्य चन्द्रदत्त ने कहा कि हमारे पिता जी और माता जी में गोसेवा का इतना जुनून था कि उन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। एक समय यह भी आया कि स्वयं भी और हम सब बच्चों को भी शीशम के पत्ते खाकर और पानी पीकर सोना पड़ता था। लेकिम उनके त्याग और समपर्ण का ही सुखद परिणाम यह रहा कि आज ब्रह्मदत्त गोशाला शहर की एक आदर्श गोशाला बन चुकी है। अपने भावों को व्यक्त करके श्रद्धाञ्जलि देने वालों में डॉ उमा सिंह गौर, शिवम्बदा सिंह, हरिओम वर्मा, जी एन मिश्रा आदि रहे। इस अवसर पर रामा देवी के सभी पारिवारिकजन के साथ साथ शहर और आसपास के सैकड़ों गोप्रेमियों ने श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। संचालन रविन्द्र मोहन सक्सेना ने किया। उन्होंने भी अपने भाव व्यक्त किये।श्रद्धाञ्जलि के बाद ब्रह्मभोज प्रसाद का भी वितरण किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।




















































































