बदायूँ एमएलसी चुनाव:इस राजनेता ने भाजपा के वागीश पाठक के निर्विरोध निर्वाचन की पटकथा लिखी
ऐसे सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य को भाजपा खेमे में लाया गया
राजनेता ने सपा प्रत्याशी की लखनऊ-दिल्ली बात कराई
भाजपा हाई कमान से आश्वासन मिलने पर लिया नाम वापस
सिनोद शाक्य शपथ ग्रहण के बाद भाजपा की लेंगे सदस्यता
सपा नेता की शपथ ग्रहण से पहले योगी से होगी मुलाकात
भाजपा सांसद डॉ संघमित्रा मौर्य की राजनीतिक जमीन होगी कमजोर
बदायूँ में संघमित्रा की राहों में कांटे बिछना हो गए शुरू
पाठक परिवार वर्षो बाद हाशिये से आया राजनीतिक मुख्य धारा में
पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव,डीपी यादव जा सकते है हाशिये पर
सपा मुखिया के भाई धर्मेन्द्र यादव का बिगड़ गया राजनीतिक खेल
सपा का राजनीतिक किला खण्डर होने के कगार पर
बदायूं। एमएलसी चुनाव में आज दोपहर अचानक रोमांचक मोड़ सामने आया,यह सपा के लिए बहुत बड़ा राजनीतिक भूचाल था,तो भाजपा के राजनीतिक किले में होली-दीवाली की बम्पर खुशियों की सौगात थी।
एमएलसी चुनाव के लिए आज नाम वापसी का दिन था।
दोपहर करीब तीन बचे अचानक सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य कलेक्ट्रेट में प्रकट हुए और नाम वापस लेकर चुपचाप गाड़ी में बैठ कर निकल गए। इसी के साथ भाजपा प्रत्याशी वागीश पाठक दो वर्षीय कार्यकाल के लिए निर्विरोध विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हो गए। हालांकि उनकी अधिकृत घोषणा होना बाकी है।

आपको बता दे निर्विरोध निर्वाचित एमएलसी वागीश पाठक के पिता पूर्व विधायक व पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रेमस्वरूप पाठक अर्थात पाठक राजनीतिक परिवार वर्ष 2014 से हाशिये पर थे,या यह कहे कि भाजपा के एक गुट ने उन्हें योजनाबद्ध ढंग से हाशिये पर कर दिया था। अब यह पाठक परिवार फिर राजनीति की मुख्यधारा में आ गया है।
आपको उत्सुकता होगी कि अचानक यह राजनीतिक मोड़ कैसे आया,वागीश पाठक निर्विरोध कैसे हो गए,आपको बता दे नामांकन के बाद भाजपा हाई कमान से निर्देश मिलने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री वीएल वर्मा को जिम्मेदारी मिलते ही वह सक्रिय हो गए,इस काम मे भाजपा के दो विधायक भी लगाए गए,जिन्होंने करीब 40 घण्टे पहले सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य की केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा से मुलाकात कराई। इस बैठक में वागीश पाठक भी थे। वर्मा जी ने सिनोद शाक्य की दिल्ली-लखनऊ के भाजपा नेताओं से फोन से बात कराई। ठोस आश्वासन मिलने पर सिनोद शाक्य ने नाम वापसी की सहमति दी और नाम वापस ले लिया। चर्चा है सिनोद को लोकसभा में टिकट का आश्वासन दिया गया है,लेकिन इसमें ज्यादा दम नजर नही आ रहा,फिलहाल शपथ ग्रहण से पहले सिनोद की मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी और शपथ ग्रहण के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।





















































































