स्वामी प्रसाद मौर्य समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों में मारपीट , कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों में मारपीट हुई है. फाजिलनगर विधानसभा सीट से ही समाजवादी पार्टी के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य लड़ रहे हैं.







दरअसल, फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के खलवा पट्टी में भाजपा और सपा समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए और दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई है. इस बवाल के दौरान कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं और कुछ लोगों को चोटें भी आईं हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगा है. बता दें कि इस सीट से भाजपा ने सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है.
बता दें कि मौजूदा वक्त में फाजिलनगर विधानसभा सीट पर पिछले 10 साल से भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा विधायक हैं. 90 के दशक पर यहां विश्वनाथ का दबदबा था. 1989 से लेकर 2002 तक वह लगातार चार बार विधायक रहे थे. तीन बार जनता दल के टिकट से जीते थे, जबकि 1996 का चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट से लड़कर जीता था. उनके आगे राम लहर ठहर गई थी. भाजपा को 2002 के चुनाव में जगदीश मिश्र उर्फ बाल्टी बाबा ने पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. वह महज 1874 वोट से विश्वनाथ को हरा पाए थे. 2007 में विश्वनाथ ने फिर वापसी की, लेकिन 2012 और 2017 में भाजपा के गंगा सिंह ने उन्हें नहीं उबरने दिया.


फाजिलनगर विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. तब कांग्रेस के रामायन राय जीते थे. 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के रामधारी शास्त्री ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था. 1974 में कांग्रेस के रामायन राय ने फिर वापसी की. 1977 में यह सीट जनता पार्टी के खाते में चली गई. 1980 और फिर आखिरी बार 1985 में कांग्रेस की शशि शर्मा जीती थीं. 1989 से इस सीट पर विश्वनाथ का कब्जा हो गया था. इस सीट पर बसपा अब तक नहीं जीत सकी है.
भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा के 102778 वोट मिले थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के विश्वनाथ को 41922 वोट से हराया था. 34250 वोट के साथ बसपा के जगदीश सिंह तीसरे नंबर पर थे. 3.82 लाख मतदाताओं वाली फाजिलनगर विधानसभा सीट में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब 98 हजार है. यादव और कुशवाहा 56-56 हजार, ब्राह्मण 48 हजार, कुर्मी 38 हजार और दलित वोटर करीब 77 हजार हैं.

