अल्पसंख्यकों के अधिकारों को अनदेखा कर रही है हुकूमत : हाफ़िज़ इरफान

सहसवान । अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसंबर के अवसर पर समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के निवर्तमान प्रदेश सचिव व पूर्व सदस्य जिला पंचायत सदस्य हाफिज इरफ़ान ने कहा कि,”देश में 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है. यह दिन अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में, अल्पसंख्यकों की उनकी विशेष भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। भारत के संविधान के मुताबिक देश के हर नागरिक को समान अधिकार मिलने चाहिए. चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, भाषा या समुदाय का हो. देश के संविधान के तहत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का भी प्रावधान है. संविधान केअनुच्छेद 29 और 30 के अनुसार भारत के नागरिकों को अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार है और धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा, संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार है।लेकिन जबसे सत्ताधारी बीजेपी ने केंद्र सरकार में शासन संभाला है, तब से अल्पसंख्यकों पर मॉब लिंचिंग के रूप में सुनियोजित तरीकों से हमले बढ़ रहे हैं, उनके हितों की अनदेखी हो रही है, समाज में उनका जीना मुश्किल हो गया है। सरकार से मांग कर उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के मन से भय हटाने के लिए एंटी मॉब लिंचिंग पर अलग से कानून बनाने के आवश्यकता है । साथ ही उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में मौलिक अधिकारों के वर्ग में साफ लिखा हुआ है कि जो सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं उनके विकास के लिए विशेष कोशिशें की जाएं। यह कोशिश सरकार करती है। संविधान में कहा गया है कि ऐसे लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा।हम सरकार से इस अवसर पर मांग करते हैं कि,संघ और राज्यों के अधीन अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का विश्लेषण किया जाए।संविधान के प्रावधानों, संसद और राज्य के विधायकों द्वारा जो भी कानून बनाए गए हैं उनकी सुरक्षा की जाए। अल्प संख्यक समुदाय के लिए हर राज्य में शिक्षण संस्थाएं बनाये जाएं।अल्प संख्यक समुदाय के छात्र छात्राओं को दी जाने वाली स्कालरशिप में पारदर्शिता बरती जाए।अल्प संख्यक समुदाय के सामाजिक आर्थिक उत्थान हेतु योजनाएं लाई जाएं। अल्प संख्यक समुदाय के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं उनका प्रचार प्रसार किया जाएव अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार को यथासंभव प्रयास करना चाहिए।