स्वयंसेविकाओं ने गांधी जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया , स्वयंसेविकाओं को किया गया सम्मानित
सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत पलॉगिंग रन, पोस्टर स्लोगन एवं पौधा रोपण कर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी के बताए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वयंसेविकाओं को किया गया सम्मानित।
बदायूं।आज 2अक्टूबर को गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत 01अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छ भारत अभियान के द्वितीय दिवस गाँधी जयन्ती के शुभ अवसर पर महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री को नमन् कर ध्वजारोहण कर गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गईं।
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में कार्यक्रम अधिकारी व मिशन शक्ति प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती के संयोजन एवं निर्देशन में डॉ इति अधिकारी के सहयोग व प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के संरक्षण में सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत पलॉगिंग रन का आयोजन किया गया। जिसका प्रारंभ गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय से होते हुए पथिक चौक से विरुआवरी मंदिर तक वहाँ से पुनः महाविद्यालय परिसर में समाप्त हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल की अध्यक्षता में लालबहादुर शास्त्री एवं महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेविकाओं ने विविध कार्यक्रमों पोस्टर प्रतियोगिता व पलॉगिंग रन के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान को सार्थकता प्रदान करने का संकल्प लिया।
स्वयंसेविकाओं को संबोधित करते हुए प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल ने कहा कि गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था जिसकों साकार करने का दायित्व भावी युवा पीढ़ी को है। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। मिशन शक्ति की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बापू ने सीता और द्रौपदी को नारियों में आदर्श माना, इसलिए नहीं कि ये धार्मिक पात्र हैं, बल्कि इसलिए कि ये दोनों साहसी थीं और दोनों प्रतिरोध करना जानती थीं। कभी किसी के आगे झुकी नहीं। धर्म और परंपराओं में आस्था रखने वाले महात्मा ने इसे कभी बेड़ी की तरह नहीं देखा और कुरीतियों का विरोध किया। उनका मानना था कि परंपराओं की नदी में तैरना अच्छी बात है लेकिन उसमें डूब जाना आत्महत्या के समान है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी व प्रभारी असि०प्रो०सरला देवी ने बताया कि किसी राष्ट्र की प्रगति का मूल आधार चरित्र निष्ठा है,जो व्यक्ति के संपूर्णजीवन को प्रभावित करती है। महात्मा गांधी एक व्यक्ति नहीं अपितु एक विचारधारा हैं। उनके पांच जीवन सूत्र हैं- अनुशासन, सत्य अहिंसा, सकारात्मक सोच, काम सीखने, करने की ललक, स्वच्छता आदि। कर्त्तव्य परायणता, सत्यनिष्ठता व्यक्ति को चरित्रवान बनाती है। बापू जी ने भी हमे यही सिखाया।
डॉ० इति अधिकारी ने कहा कि गांधी के जीवन अनुकरणीय हैं हमें उनके सादा जीवन उच्च विचार से प्रेरणा लेनी चाहिए।
डॉ उमा सिंह ने बताया कि गांधी ने समाज में फैली कुरीतिओं को मिटाकर सत्य अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया।
“महात्मा गांधी के सपनों का भारत” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई।जिसमें क्रमशः प्रथम कु सलोनी, उजाला संयुक्त रूप से द्वितीय वैष्णवी और तृतीय मेघा पटेल रहीं। निर्णायक की भूमिका में डॉ शिल्पी तोमर व डॉ उमा सिंह गौर रहीं। सभी को पुरस्कृत किया गया। मिशन शक्ति के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वयंसेविकाओं को सम्मानित किया गया। अंत में पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस अवसर परसमस्त महाविद्यालय परिवार एवं स्वयंसेविकाओं में कु सलोनी, उजाला, मेघा, वैष्णवी, शिवांगी, साक्षी, दिशा, इलमा नाज, पलक, स्नेहा आदि की सक्रिय सहभागिता रही। असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती, कार्यक्रम अधिकारी,प्रभारी मिशन शक्ति ,गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय, बदायूं