बदायूँ। सहसवान के सरसोता के कुंड को सूखा देख डीएम ने इसकी गहराई बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने सरसोता पर्यटन स्थल के कुंड को खाली न रखा जाए। मंगलवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, उप जिलाधिकारी सहसवान लाल बहादुर सहित अन्य तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ सरसोता का मौका मुआयना करते हुए कुंड को गहरा करने के निर्देश दिए हैं। यहां स्थानीय लोगों ने बताया कि सहसवान कुछ प्राचीन धरोहरों को समेटे हुए हैं। जिनमें ऐतिहासिक तीर्थ स्थल सरसोता एक है। सरसोता उत्तर दिशा में स्थित है। हजारों वर्ष पूर्व नगर पर बलशाली राजा सहस्त्रबाहु राज करते थे। संत परशुराम के पिता जगदंब ऋषि के आश्रम से सहस्रबाहु जबरन उनकी कामधेनु गाय खोल कर ले आए। इसी अपमान का बदला लेने के लिए परशुराम ने यहां आकर सहस्त्रबाहु का अपने फरसे से वध करते हुए उसका किला तहस-नहस कर दिया। युद्ध के बाद जब वह वापस जा रहे थे। तब उन्हें प्यास लगने लगी। लेकिन दूर-दूर तक पानी नहीं मिलने पर उन्होंने अपने फरसे से धरती पर वार किया तो प्राकृतिक जल स्रोत फूट पड़े। लोगों का कहना है कि सरसोता काफी रमणीक स्थल है। यहां तमाम लोगों की श्रद्धा है। फाल्गुन मास की एकादशी पर हर साल मेला लगता है। यहां स्नान करने के बाद लोग मन्नत मांग कर गोबर के सतिये बना जाते हैं। मन्नत पूरी होने पर वह यहां आकर चांदी और सोने के सतिये दान करते हैं। यहां पर नाथ बाबा का मंदिर है। मानना है कि यहां पर झाड़ू चढ़ाने से चर्मरोग और मस्से खत्म हो जाते हैं।