खानदान-ए-आला हजरत को बदनाम करने की साजिश, निष्पक्ष जांच की मांग
बरेली। हुजूर आला हजरत के खानदान और मसलक-ए-आला हजरत को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश के तहत लगातार उत्पीड़नात्मक कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया गया है। नवीर-ए-आला हजरत मौलाना मन्नान रजा खाँ साहब के दामाद मोहसिन हसन खाँ ने मीडिया के सामने कहा कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं और हर मामले को जबरन तौकीर रजा खाँ से जोड़कर दिनांक 26 सितंबर 2025 की घटना से जोड़ा जा रहा है, जबकि तौकीर रजा खाँ इस समय जेल में हैं और उनसे संपर्क संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व सिविल न्यायालय में वाद लंबित रहते हुए बीडीए अधिकारियों द्वारा बुलडोजर कार्रवाई कर न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की गई। वहीं माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 31 मई 2025 के अनुपालन में 01 दिसंबर 2025 को एक-चौथाई धनराशि जमा करने के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा रिकवरी की धमकी दी गई।
मोहसिन हसन खाँ का आरोप है कि अब शहर के एक कांग्रेसी अधिवक्ता द्वारा संचालित गिरोह, जिसमें हिस्ट्रीशीटर और आपराधिक तत्व शामिल हैं, झूठे मुकदमे दर्ज कराकर अवैध वसूली और बदनामी कर रहा है। उन्होंने हिस्ट्रीशीटर नासिर सिद्दकी (हिस्ट्रीशीट संख्या 44-A, थाना इज्जतनगर) पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पहले भी दरगाह-ए-आला हजरत को बदनाम करने की कोशिश कर चुका है, जिन मामलों में पुलिस जांच के बाद मुकदमे समाप्त हो चुके हैं।
नवीन मामले में शाकिर वेग की पुत्री द्वारा दिनांक 5 दिसंबर को लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा कि उस समय वे कटरा मानराय स्थित अपनी दुकान पर मौजूद थे, जिसके सीसीटीवी फुटेज और गवाह उपलब्ध हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शाकिर वेग और उसके पिता का आपसी भूमि विवाद है, जिससे उनका कोई संबंध नहीं है। मोहसिन हसन खाँ ने प्रशासन से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर साजिश का पर्दाफाश करने की मांग की है।
