शारीरिक अक्षमता किसी विकास में बाधक नहीं, दिव्यांगता अभिशाप नही, कुछ कर गुजरने की कुंजी है ‌: न्यायमूर्ति अशोक कुमार

बरेली / मथुरा । अपने क्षेत्र में नाम कमाने वाले दिव्यांगजनों का सम्मान करने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारें राष्ट्रीय दिव्यांगजन पुरस्कार और राज्य स्तरीय पुरस्कार जैसे कार्यक्रम आयोजित करती हैं, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, खेल, स्वरोजगार, और सामाजिक कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांगों, उनके सहायकों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है, ताकि समाज में उनकी भागीदारी बढ़े और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।ये सम्मान दिव्यांगजनों के हौसले, साहस और उपलब्धियों को दर्शाते हैं और दूसरों को प्रेरणा देते हैं और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। अनाम स्नेह परिवार प्रयागराज की ओर से दिव्यांग जन स्वाभिमान सम्मान सेमिनार एवं कवि सम्मेलन का आयोजन गोविंद मठ वृंदावन मथुरा में आयोजित किया गया। यह सम्मान उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली के पूर्व दिव्यांगजन आयुक्त टीडी धारियाल, कार्यक्रम के संयोजक श्रीनारायण यादव और संचालन ब्रह्म प्रकाश तिवारी, नागेश पांडेय ने किया ।
समाज में सराहनीय योगदान देने वाले प्रोफेसर अवनीश चंद्र मिश्र डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ, आर के राजू वरिष्ठ दिव्यांग समाज सेवी, दिल्ली, विष्णु कांत मिश्रा लखनऊ,पवन कुमार उधमपुर जम्मू,राजन हिमाचल, विपिन चन्द्र राय मुम्बई, भारत में पहली 4 ह्वीलर गाडियां बनाने मुजीब खान जयपुर, अमित यादव बिहार , प्रतीक शर्मा बरेली आदि को न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि शारीरिक अक्षमता किसी विकास में बाधक नहीं, दिव्यांगता अभिशाप नही, कुछ कर गुजरने की कुंजी है, इस दिन का मकसद दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना, उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना और दिव्यांगों के विकास, उनके कल्याण के लिए योजनाओं, समाज में उन्हें बराबरी के अवसर मुहैया करवाना है। प्रयागराज जिले के श्रीनारायण यादव ने पूरे उत्तर प्रदेश का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। दिव्यांग लोगों के लिए श्रीनारायण यादव एक प्रेरणा का स्त्रोत है। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक श्रीनारायण यादव ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
मंच पर सम्मानित किए गए प्रतिभागियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह उन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा किया। उनके संघर्ष और सफलता की कहानियों ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को भावुक और प्रेरित किया। आयोजित यह समारोह न केवल सम्मान का कार्यक्रम था, बल्कि समाज को यह संदेश देने का भी माध्यम बना कि दिव्यांगजन किसी दया के पात्र नहीं, बल्कि अपने प्रयासों से असंभव को संभव बनाने वाले नायक हैं।
इस अवसर पर जावेद सिद्दीकी, अनुराधा, गुड्डू, चंदन,शालिनी शर्मा, बेबी शर्मा, विजय शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मथुरा के अनुपम, गंगाराम, अजीत सिंह आदि ने सहयोग किया।

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