कठिन परिश्रम, अनुशासन और अटूट संकल्प से आईएमए देहरादून से लेफ्टिनेंट बने नील शर्मा
बरेली। यह सिद्ध हो चुका है कि कठिन परिश्रम, अनुशासन और अटूट संकल्प से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। पवन विहार निवासी लेफ्टिनेंट नील शर्मा ने इस कथन को साकार कर दिखाया है। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), पुणे तथा भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून से कठोर प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद तक पहुँचकर नगर व परिवार का नाम रोशन किया है।
लेफ्टिनेंट नील शर्मा जी.आर.एम. स्कूल के मेधावी छात्र रहे हैं। अपने संघर्षपूर्ण सफर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण, नियमित अभ्यास और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। उनके अनुसार आईएमए का प्रशिक्षण केवल शारीरिक क्षमता ही नहीं, बल्कि नेतृत्व कौशल, राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करता है।
बातचीत के दौरान उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि असफलता से घबराने के बजाय उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना में सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि देश के प्रति समर्पण, अनुशासन और सम्मान से जुड़ा हुआ जीवन-दर्शन है।
लेफ्टिनेंट नील शर्मा के पिता शैलेश शर्मा बटलर प्लाजा में व्यवसाय करते हैं, जबकि माता अल्का शर्मा गृहिणी हैं। उनकी बहन भाव्या शर्मा कक्षा 9 में जी.आर.एम. स्कूल में अध्ययनरत हैं। लेफ्टिनेंट नील शर्मा की इस उपलब्धि पर परिवार सहित नगरवासियों में हर्ष और गर्व का माहौल है।
