पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दिल दहला देने वाला हादसा: एक ही परिवार के पांच लोगों की जलकर मौत, पांच घायल
बाराबंकी । पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बुधवार दोपहर हुए दर्दनाक हादसे ने सभी का दिल दहला दिया। डीह गांव के पास दो कारों की भीषण टक्कर के बाद लगी आग में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौके पर जलकर मौत हो गई। मृतकों में मां और उनके चार मासूम बच्चे शामिल हैं। हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत नाजुक है। सभी घायलों को लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक, आजमगढ़ में तैनात वाराणसी निवासी सिपाही जावेद अशरफ की पत्नी गुलिस्ता (49), बेटियां समरीन (22), इल्मा (12), इश्मा (6) और बेटा जियान (10) सीएनजी वैगनआर कार से आजमगढ़ से लखनऊ आ रहे थे। कार को जावेद का साला जिशान (30), निवासी खानपुर घोसी, मऊ चला रहा था। रास्ते में जिशान ने कार थोड़ी देर के लिए रोकी। परिवार के सदस्य पानी पी रहे थे कि अचानक तेज रफ्तार ब्रेज़ा कार ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि जोरदार धमाके के साथ दोनों कारों में आग भड़क उठी।

धमाका इतना तेज था कि 15 से 20 मीटर दूर तक महिला और बच्चे के शव जा गिरे। फायर ब्रिगेड के आग पर काबू पाने के बाद कार के अंदर तीन बच्चियों—समरीन, इल्मा और इश्मा—के जले हुए शव मिले। वैगनआर के सीएनजी सिलिंडर के फटने से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। जिशान को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया।
वहीं ब्रेजा कार में सवार दिल्ली के दक्षिणपुरी निवासी दीपांशु मिश्रा (24), दीप्ति मिश्रा (16), तृप्ति मिश्रा (17) और प्रगति मिश्रा (23) गंभीर रूप से घायल हुए। ग्रामीणों और राहगीरों ने हादसे के कुछ ही सेकंड में चीखें सुनाईं, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि कोई पास नहीं जा सका।
गांव के लोगों ने बताया कि केवल आठ से दस सेकंड में दोनों कारें आग के गोले में बदल गईं। धमाका होते ही लोग सर्विस रोड से ऊपर की ओर भागे। आसपास का माहौल चीख-पुकार से भर गया। ग्रामीणों ने किसी तरह ब्रेज़ा कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला। लेकिन वैगनआर में बैठे परिवार के सदस्यों को बचाना संभव नहीं हो पाया।
घटना के करीब 20 मिनट बाद यूपीडा की टीम मौके पर पहुंची और पुलिस को पहुंचने में 40 मिनट लग गए। तब तक कारें पूरी तरह जल चुकी थीं। डीएम शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच के आदेश दिए।
ग्रामीणों ने बताया कि दृश्य इतना भयावह था कि लोग वहां जाने से डर रहे थे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी कार के पास नहीं पहुंच पा रहा था। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना उन्होंने पहले कभी नहीं देखी, और यह मंजर उनकी आंखों से अभी तक नहीं हट रहा है।














































































