बदायूँ की पोस्ट ग्रेजुएट पिंकी शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण से विवाह किया, सात फेरे लिए

बदायूँ। एक तरफ गिटार से गाने वाली बहु सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वही बदायूं में इस्लामनगर थाना क्षेत्र के ब्यौर गांव में एक अनोखा और श्रद्धा से भरा विवाह चर्चा का केंद्र बना हुआ है। गांव की एक युवती ने भगवान कान्हा की प्रतिमा से विवाह रचाकर सभी को चौंका दिया। पूरे गांव में इस अनूठे विवाह की खूब चर्चा हो रही है। विवाह पूरी तरह पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ। सामान्य शादी की तरह सभी रस्में निभाई गईं—कन्यादान, फेरे और विशेष पूजन सहित हर अनुष्ठान विधिवत कराया गया। परिजन भी पूरे उत्साह और आस्था के साथ समारोह में शामिल रहे। इस अनोखे विवाह को देखने के लिए गांव में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और रिश्तेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। शादी के दौरान माहौल धार्मिक भक्ति और उत्साह से भरा रहा। स्थानीय लोग इस घटना को युवती की गहरी श्रद्धा और धार्मिक आस्था का प्रतीक बता रहे हैं। वहीं, गांव में यह विवाह पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा अनोखा दृश्य उन्होंने पहली बार देखा है । और यह विवाह लंबे समय तक लोगों की यादों में रहेगा। इस्लामनगर थाना क्षेत्र के ब्यौर कासिमाबाद गांव में ऐसी शादी हुई जो चर्चा है । दअरसल 28 साल की पिंकी शर्मा ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ विवाह कर लिया। जीजा का परिवार बाराती बनकर आया। पूरे गांव ने घराती की भूमिका निभाई गई । परिवार ने विवाह की जो भी रस्में होती है वो पूरी कीं । पिंकी ने प्रतिमा को गोद में लेकर सात फेरे भी लिए। पिंकी पोस्ट ग्रेजुएट हैं और श्रीकृष्ण की बचपन से ही भक्त हैं। मां ने शरुआत में इसके विरोध में थी मगर बाद में बेटी की खादिर खुशी के लिए मानना ही पड़ा। जनपद मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर ब्यौर कासिमाबाद का है। इस अनोखी शादी की पूरे इलाके में चर्चा है। गांव वाले उसे पिंकी को मीरा कहने लगे हैं। विवाह का शनिवार को हुआ। रविवार सुबह के समय विदाई हुई और पिंकी अब अपने घर में ही रह रही हैं।
शनिवार को पिंकी शर्मा का घर पूरी तरह सजाया गया। पास में ही मंडप बनाया गया। पिंकी के जीजा कार लेकर आए। फिर सवा सौ बाराती तैयार हुए। श्रीकृष्ण की मूर्ति को दूल्हे की तरह संवारा गया। बारात जब पिंकी शर्मा के घर पहुंची तो द्वार पूजा हुई। श्रीकृष्ण की मूर्ति गोद में आए। फिर सवा सौ बाराती तैयार हुए। श्रीकृष्ण की मूर्ति को दूल्हे की तरह संवारा गया। बारात जब पिंकी शर्मा के घर पहुंची तो द्वार पूजा हुई। श्रीकृष्ण की मूर्ति गोद में लेकर खुद पिंकी स्टेज पर चढ़ीं। पहले पिंकी ने श्रीकृष्ण को जयमाल डाला, फिर श्रीकृष्ण को दूसरा माला चढ़ाकर पहना। इस दौरान वृंदावन से आए कलाकारों ने नृत्य किया।

शादी होने पर घर पर सजा गया । घर में रिश्तेदारों की भीड़ जमा थी। पिंकी शर्मा के पिता सुरेश चंद्र शर्मा से बताया कि पिंकी सबसे छोटी संतान है। वह बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति की रही है। वह कहते हैं- पिंकी मेरे साथ अक्सर वृंदावन जाती थीं। लौटकर आने पर कुछ महीने बीतते ही फिर से जाने की जिद करने लगतीं। धीरे-धीरे मन में कान्हा को ही अपना सर्वस्व मान बैठीं। सुरेश चंद्र शर्मा की पांच संतानें हैं, जिनमें तीन बेटे और दो बेटियां हैं। सबसे बड़ा बेटा योगेंद्र (40), अन्नू शर्मा (36), मुनेंद्र शर्मा (32), निखिल शर्मा (30) और सबसे छोटी पिंकी शर्मा (28) है।

करीब चार महीने पहले बांके बिहारी मंदिर में पिंकी ने ऐसा अनुभव किया । जिसने उनका जीवन बदल दिया। प्रसाद लेते समय उनके आंचल में शुद्ध सोने की एक अंगूठी भी आई। पिंकी ने इसे कान्हा का आशीर्वाद माना और उसी दिन तय कर लिया कि वह किसी मानव से नहीं, केवल कान्हा से ही विवाह करेंगी। कुछ समय पहले बीमारी के दौरान पिंकी ने ऐसा कदम उठाया जिसने सभी को चकित कर दिया। भारी विग्रह को गोद में लेकर वृंदावन और फिर गोवर्धन की परिक्रमा पूरी की। चमत्कारिक रूप से उनकी तबीयत भी सुधर गई।

शनिवार को गांव में पूरा विवाह समारोह पारंपरिक तरीके से हुआ। बारात भी आई । दावत भी हुई और सभी रस्में निभाई गईं। पिंकी के चचेरे जीजा इंद्रेश कुमार ने कान्हा की ओर से दूल्हे पक्ष की भूमिका निभाई। पूरा गांव इस अनोखी शादी का हिस्सा बना। पिंकी शिक्षा-शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट पिंकी है । कान्हा ने ही यह मार्ग दिखाया वही अब जीवन की डोर संभालेंगे।
पिता सुरेश चंद्र ने अपनी बेटी की खुशी में पूरा समर्थन दिया और बेटों की तरह ही प्रॉपर्टी में हिस्सा देने का ऐलान किया। मां रामेन्द्री ने कहा- “शुरू में थोड़ा अजीब लगा, पर बेटी का फैसला भक्ति से भरा था, इसलिए खुशी-खुशी शादी करा दी।” चा-ताऊ, भाई-बहन, सभी ने पिंकी के इस निर्णय को स्वीकार किया।

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