प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों का कर रही है सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वासन
बदायूँ । भारत के संविधान में दिव्यांगजन सहित प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन और स्वतन्त्रता की गारन्टी प्राप्त है। दिव्यांगता एक दीर्घकालीन शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक संवेदी हानि है। जिससे उन्हें दूसरे व्यक्ति पर निर्भर रहना पड़ता है। सरकार ने दिव्यांगता की श्रेणी जो पहले सात थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दी है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल दिव्यांगजन की संख्या 41,57,514 है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के 31,66,615 एवं शहरी क्षेत्र के 9,90,899 दिव्यांगजन सम्मिलित है।
दिव्यांगजनों का सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वासन
दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना- इस योजनान्तर्गत पूर्व में रू0 300/-
प्रति माह प्रति व्यक्ति की दर से अनुदान प्रदान किया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा अप्रैल 2017 से बढ़ाकर रू0 500/- तथा दिसम्बर 2021 से पुन बढ़ा कर रु० 1,000/- प्रति माह प्रति लाभार्थी कर दिया गया है। इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में अद्यतन् कुल प्राविधानित धनराशि रु० 142434.93 लाख के सापेक्ष धनराशि रु० 68753.61 लाख का व्यय करते हुए कुल 11,57,556 दिव्यांगजन को पेशंन देकर लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2016-17 की समाप्ति पर प्रदेश में पेंशनर्स की संख्या 8,75,992 थी, जो बढ़कर अद्यतन 11,57,556 हो गयी है। इस प्रकार वर्ष 2017 के पश्चात 2,81,564 नवीन दिव्यांगजन को चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना- प्रदेश में कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए दिव्यांगजन को रु० 2500/- प्रति माह की दर को बढ़ाते हुए योगी सरकार ने दिसम्बर, 2021 से रु0 3000/- प्रति माह कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अद्यतन् कुल प्राविधानित धनराशि रु0 4593.96 लाख के सापेक्ष धनराशि रू0 2283.75 लाख का व्यय करते हुए कुल 12,807 कुष्ठजनित दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुष्ठ रोगी पेंशनर्स की संख्या मात्र 4,765 थी, जो बढ़कर 12,807 हो गई है। इस प्रकार वर्तमान सरकार द्वारा 8,042 नवीन कुष्ठजनित दिव्यांगजन को चिन्हित कर लाभान्वित किया जा रहा है।
दुकान निर्माण/संचालन योजना- दिव्यांगजनों के स्वरोजगार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दुकान निर्माण/संचालन योजना के अंतर्गत न्यूनतम् 40 प्रतिशत दिव्यांगता वाले दिव्यांगजन को दुकान निर्माण हेतु रू0 20,000/- एवं दुकान/खोखा/गुमटी/हाथ ठेला संचालन हेतु रु० 10.000/- की धनराशि प्रदान की जाती है। योजना का संचालन ऑनलाईन किया जा रहा जिसके अन्तर्गत लाभार्थियों को पी०एफ०एम०एस० प्रणाली के द्वारा ई-पेमेन्ट के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल प्राविधानित धनराशि रु० 106.04 लाख के सापेक्ष धनराशि रू० 77.20 लाख का व्यय करते हुए अभी तक कुल 772 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2017-18 से अद्यतन योजनान्तर्गत कुल 8,835 दिव्यांगजन को स्वरोजगार हेतु लाभान्वित किया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा योजना- प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को निःशुल्क बस यात्रा सुविधा उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों में उनके अन्तिम गन्तव्य स्थल तक (चाहे वह राज्य की सीमा से बाहर ही क्यों न हो) किये जाने का शासनादेश दिनांक 21 जून, 2019 को जारी कर दिया गया। वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजनान्तर्गत प्राविधानित धनराशि रू0 40.00 करोड़ के सापेक्ष उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को दिव्यांगजन की निःशुल्क बस यात्राओं के हेतु अद्यतन् कुल रू० 33.44 करोड़ का भुगतान किया गया है।
राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना- प्रदेश सरकार विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजन के सशक्तीकरण व बेहतरी के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति, संस्था या स्वयं दिव्यांगजन को उनके द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों के लिये पुरस्कृत किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 02 श्रेणियों के स्थान पर 17 श्रेणियों के अन्तर्गत 30 उपश्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किया जाता है, प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने पुरस्कार की धनराशि रू0 5,000/- से बढ़ाकर रू0 25000/- कर दिया है। विश्व दिव्यांग दिवस 03 दिसम्बर, 2025 के अवसर पर प्रदेश के 30 दिव्यांगजनों/व्यक्तियों/संस्थाओं का राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।
विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यू०डी०आई०डी०) योजना- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा विकसित व संचालित पोर्टल http://www.swavlambancard.gov.in के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से प्रदेश के समस्त दिव्यांगजन को निर्धारित प्रारूप पर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाते है, जिसके आधार पर विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यू०डी०आई०डी० कार्ड) बनाये जा रहे है। प्रदेश में अब तक कुल 19,74,984 दिव्यांगजन का यू०डी०आई०डी० पोर्टल पर पंजीकरण हुआ जिसके सापेक्ष 16,23,234 यू०डी०आई०डी० कार्ड निर्गत किये गये है।दिव्यांगजन से शादी करने पर पुरस्कार-शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत न्यूनतम् 40 प्रतिशत दिव्यांगता वाले दिव्यांग दम्पत्ति में से युवक के दिव्यांग होने की दशा में रू0 15,000/-युवती के दिव्यांग होने की दशा में रू0 20000/- तथा युवक व युवती दोनों के दिव्यांग होने की दशा में रु० 35,000/- की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है। इस योजना का संचालन ऑनलाईन किया जा रहा जिसके अन्तर्गत लाभार्थियों को पी०एफ०एम०एस० प्रणाली के द्वारा ई-पेमेन्ट के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अभी तक कुल 236 दिव्यांग दम्पतियों को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से अद्यतन इस योजनान्तर्गत कुल 6,129 दिव्यांग दम्पत्तियों को लाभान्वित किया गया है।
