लखनऊ में वाटर वूमेन शिप्रा पाठक का गोमती पूजन विश्व पटल पर छाया, शासन, प्रशासन, संगठन सक्रिय

लखनऊ। वाटर वुमन शिप्रा पाठक ने इंग्लैंड की संसद में भारत के पर्यावरण व नदियों की दिव्यता की चर्चा की। लखनऊ लौटते ही गोमती नदी का पूजन किया और गोमती किनारे अति प्राचीन शिवलिंग की चर्चा की। उनकी यह पहल और चर्चा मीडिया की सुर्खियां बनी तो लखनऊ के शासन प्रशासन और विश्व के तमाम देश भी गोमती नदी की ओर आकर्षित हुए। लखनऊ प्रशासन तो ऐसा सक्रिय हुआ कि गोमती नदी की दशा-दिशा संभालने के प्रयास भी शुरु कर दिए। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की तमाम उपलब्धियों को अपने में समेटे शिप्रा पाठक की यह उपलब्धि भी काफी बढ़ी मानी जाएंगी, उनके एक छोटे से प्रयास भर से सभी की निगाहें अब गोमती नदी पर टिक गई है।वाटर वुमेन शिप्रा पाठक द्वारा गोमती नदी की दिव्यता की चर्चा इस समय यूपी ही नही बल्कि देश-विदेश में तेजी से वायरल हो रही है।दो दिन पहले गोमती भक्तों द्वारा शिप्रा पाठक का 1090 चौराहे पर भव्य अभिनंदन करते हुए सभी ने गोमती नदी का पूजन किया था।गोमती नदी की चर्चा के बीच एक दम से पूरा प्रशासनिक अमला भी हरकत में आ गया है। शिप्रा द्वारा गोमती पूजन के साथ आला अधिकारियों ने भी अपने स्टाफ की चुटकी लेना शुरू कर दी।राजधानी में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने गोमती को प्रदूषण मुक्त एवं निर्मल बनाने हेतु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,जल निगम तथा नगर निगम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा उन्होंने सीवर कार्य की रिपोर्ट 3 दिन में मांगते हुए सभी घाटों की साफ़ सफाई के साथ साथ प्लास्टिक मुक्त बनाने का भी आदेश दिया है।आपको बताते चलें कि शिप्रा पाठक ने गोमती नदी के किनारे अति प्राचीन शिवलिंग श्रंखला होने का दावा किया है जिसकी चर्चा उन्होंने इंग्लैंड में भी की। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने कहा हमारी नदी का जल आपके यहां से साफ़ है। उस पर शिप्रा ने कहा नदी को भारत मे माँ पुकारते हुए पूजा जाता है।नदी के आसपास की ऊर्जा हमेशा चमत्कारिक रहती है चाहे वह भारत हो या इंग्लैंड तभी उन्होंने शिवलिंग होने की बात कही।शिप्रा के विचारों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में अंग्रेजों ने गोमती किनारे स्थित शिवलिंगों के दर्शन करने की बात कही।शिप्रा पाठक गोमती नदी की 1008 किमी पद यात्रा करने बाली एक मात्र भारतीय महिला हैं उन्होंने अपनी इस यात्रा के अनुभवों को आम जनता से साझा करने के लिए कुछ विवरण भी बनाया है जिसमें कौन से स्थान पर कितनी दूरी पर किस आकार के शिवलिंग हैं।इसकी पूरी सूचना जल्द ही उनके द्वारा जारी की जाएगी। कुल मिलाकर विदेशी धरती से गोमती दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए अब प्रशासन भी पूरी तरह से जुटा हुआ है।

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