मौलाना मदनी के बयान पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कड़ा विरोध

बरेली। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयान को लेकर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौलाना मदनी बार-बार ‘जिहाद’ की बात कर समाज में विभाजन पैदा करने और देश को कमजोर करने जैसा वातावरण बना रहे हैं।मौलाना रजवी ने सवाल उठाया कि मौलाना मदनी भारत में किस प्रकार का जिहाद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को नुकसान पहुंचा रहे हैं और देश में सांप्रदायिक टकराव की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। यदि कहीं विवाद पैदा हुआ तो उसका सबसे बड़ा नुकसान मुसलमानों को उठाना पड़ेगा।उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत में न जिहाद जायज़ है और न हिजरत। उन्होंने बताया कि आला हजरत इमाम अहमद रज़ा फाज़िले बरेलवी ने भी अपने फतवों में भारत में जिहाद को नाजायज़ बताया है और भारत को “दरुस्सलाम” यानी अमन-शांति वाला देश लिखा है। यहाँ मुसलमान पूरी धार्मिक स्वतंत्रता के साथ मस्जिदें, मदरसे, दरगाहें और नमाज़-रोज़ा सहित सभी धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं।
मौलाना रजवी ने मौलाना मदनी के उस कथन की भी निंदा की, जिसमें उन्होंने स्कूलों के पाठ्यक्रम में जिहाद को शामिल करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो नई पीढ़ी भटक सकती है और देश में मतभेद एवं तनाव बढ़ सकता है। वर्तमान में देश में अमन-चैन का माहौल है, जिसे बिगाड़ने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देना देश और समाज दोनों के लिए हानिकारक है।

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