सिटी शमशान भूमि पर पौधारोपण कर डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा लगाने की उठाई माॅंग
बरेली। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में चित्रांश योगेश जौहरी के संयोजन में भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की 142 वीं जयंती की पूर्व संध्या बरेली सिटी शमशान भूमि पर पौधारोपण एवं विचार गोष्ठीआयोजित कर मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश उपमेन्द्र सक्सेना एडवोकेट ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया ।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश उपमेन्द्र सक्सेना एडवोकेट ने सिटी शमशान भूमि पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की प्रतिमा लगाने की मांग करते हुए कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी एक सच्चे देशभक्त और एक महान नेता थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। वह भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1960 में अपने राष्ट्रपति पद के द्वितीय कार्यकाल में बरेली सिटी शमशान भूमि में उन्होंने चंदन का पेड़ लगाया था जो संरक्षण के अभाव में चोरी हो गया था उन्हीं से प्रेरणा लेकर आज नीम, आम, जामुन, बेल एवं अमरूद आदि के पौधे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
चित्रांश योगेश जौहरी ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी सादगी व शालीनता की मिसाल थे। नई पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।
जगदीश शरण सक्सेना ‘निमिष’ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के छपरा जिले में हुआ था उनकी शिक्षा प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता में हुई।वे बिहार के सबसे नामचीन वकील रहे इसीलिए बिहार में गांधी जी ने उन्हें अग्रिम पंक्ति में रखा।
शंकर स्वरूप सक्सेना ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी का पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा वे कायस्थ कुल के गौरव हैं उनकी विचारधारा आज भी नई पीढ़ी को प्रेरित करती है इस अवसर पर जगदीश निमिष, सुनील सक्सेना, विनीत सक्सेना, राकेश सक्सेना,अनुज सक्सेना, विपिन कुमार, विपुल कुमार,संजय सक्सेना आदि उपस्थित रहे। संचालन शंकर स्वरूप सक्सेना ने किया।
