काली पट्टी बांध कर विरोध जताया,दस दिसम्बर तक आंदोलन की रूपरेखा तय की

बदायूँ। ग्राम पंचायत सचिवो ने ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली एवं मूल विभागीय कार्यों के अतिरिक्त अन्य विभागों के कार्यों का विरोध करते हुए आज प्रदेश व्यापी क्रमिक सांकेतिक शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया। काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।
उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से शासन को पूर्व में दिए गए पत्रों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेने से दोनों संवर्गों की प्रांतीय स्तर की जूम मीटिंग के बाद उपर्युक्त कार्यक्रम घोषित किया गया है।


शासन द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों को बिना कोई अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराये उनके व्यक्तिगत मोबाइल एवं सिम से फेशियल रिकॉग्निशन बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम के द्वारा क्षेत्रीय सचिवों की उपस्थिति हेतु पत्र जारी किया गया है।


जिससे पूरे प्रदेश में सचिवों में रोष एवं भय व्याप्त है क्योंकि उपर्युक्त उपस्थित प्रणाली उनके क्षेत्रीय कार्य की प्रकृति के बिल्कुल विपरीत है। साथ ही पूरे प्रदेश में क्षेत्रीय ग्राम सचिव अपना मूल कार्य नियमित ढंग से नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके ऊपर गैर विभागीय कार्य जैसे फार्मर रजिस्ट्री, एग्रो स्टैक सर्वे, गौशाला प्रबंधन, आयुष्मान हेल्थ कार्ड, फैमिली आईडी, विभिन्न प्रकार के पेंशनों का सत्यापन, शिक्षा विभाग के ऑपरेशन कायाकल्प एवं बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी, गायों के लिए भूसा का प्रबंधन, सोलर पैनल लगवाने का लक्ष्य, पराली प्रबंधन आदि को करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए शासन प्रशासन के अधिकारी अत्यधिक दबाव बना रहे हैं जिससे कर्मचारी अस्वस्थ होने के साथ विभिन्न दुर्घटनाओं के भी शिकार हो रहे हैं।
तदक्रम में पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग के सचिवों की पीड़ा को देखकर केंद्रीय नेतृत्व ने 01 दिसंबर से 04 दिसंबर तक विकास खंडों में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। 05 दिसंबर को पूरे प्रदेश के समस्त 826 विकास खंडों में प्रदेश के समस्त सचिव एक दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन करेंगे तथा मुख्यमंत्री को समस्याओं से संबंधित ज्ञापन प्रेषित करेंगे इसके बाद प्रदेश के समस्त सचिव अपने व्यक्तिगत मोबाइल से जनपद के समस्त शासकीय व्हाट्सएप ग्रुपों से अपने को विरत कर लेंगे। 10 दिसंबर से प्रदेश के सभी सचिव अपने निजी वाहनों से सरकारी कार्य नहीं करेंगे तथा 15 दिसंबर को समस्त सचिव अपने डोंगल को विकासखंडों पर समर्पित कर देंगे।
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