मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दूसरे दिन 547 जोड़े बने जीवनसाथी
बरेली। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बरेली कॉलेज प्रांगण में आयोजित विवाह समारोह के दूसरे दिन का शुभारम्भ जनप्रतिनिधियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। विशाल पंडाल में सजे मंडपों में 547 हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदायों के विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सम्पन्न हुए जिसमें 120 मुस्लिम निकाह हुए ।

हिंदू जोड़ो ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जयमाला पहनाकर दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की, वहीं मुस्लिम जोड़ो का निकाह मौलवी द्वारा पढ़ाया गया। इस दौरान कैन्ट विधायक संजीव अग्रवाल, बिथरी चैनपुर विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा और जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने नवविवाहित जोड़ो को आशीर्वाद दिया। सरकार की ओर से सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान भी उपलब्ध कराया गया। बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद मिला सरकारी लाभ दूल्हा-दुल्हन की उपस्थिति सत्यापित करने के लिए बायोमीट्रिक प्रक्रिया अपनाई गई, जिसमें आधार कार्ड से फिंगरप्रिंट, चेहरा और आंखों का डेटा मिलान किया गया। इसके बाद प्रत्येक जोड़े को योजना के तहत निर्धारित 1 लाख रुपये प्रदान किए गए, जिसमें 60 हजार रुपये सीधे दुल्हन के बैंक खाते में, 25 हजार रुपये उपहार सामग्री और 15 हजार रुपये आयोजन व्यय शामिल है। शानदार पंडाल में सजा भव्य समारोह जिलेभर से आए जोड़ों ने हाथों में हाथ डालकर नए जीवन की शुरुआत की। बरेली कॉलेज मैदान में बने विशाल पंडाल, रंग-बिरंगी सजावट और आकर्षक मंडपों की कतारें किसी बड़े विवाह समारोह की भांति नजर आ रही थीं। कैन्ट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार निर्धन परिवारों को निःशुल्क राशन, आवास और सामूहिक विवाह जैसी योजनाओं के माध्यम से सार्थक सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी को सम्मान, सहयोग और सामंजस्य के साथ जीवन बिताना चाहिए। सामूहिक विवाह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने की ताकत है। बिथरी चैनपुर विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों की आर्थिक बोझ कम करके उनकी शादियां कराना है। उन्होंने कहा कि पहले बेटियों की शादी को बोझ माना जाता था और खर्चों के कारण लोग कर्ज में डूब जाते थे, लेकिन वर्तमान योगी सरकार ने गरीबों की बेटियों की शादी कराने का संकल्प लेकर उसे सफलतापूर्वक पूरा किया है।
