एसएस कॉलेज के वाणिज्य विभाग में संपत्तियों के मूल्यांकन विषय पर कार्यशाला हुई,जागरूक किया
शाहजहांपुर.। एसएस कॉलेज के वाणिज्य विभाग में संपत्तियों के मूल्यांकन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य प्रशिक्षक इंजी० आर०के० अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को समझाया कि बैंक से ऋण लेते समय कोई ना कोई संपत्ति गिरबी रखनी पड़ती है। बैंक इस संपत्ति का मूल्यांकन करने के बाद सामान्यतः मूल्य का अधिकतम 80% के बराबर ऋण देता है।

उन्होंने बताया कि संपत्ति का मूल्यांकन किन-किन बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। संपत्ति का मूल्य निर्धारण करते समय संपत्ति के स्थानीयकरण, सरकार द्वारा निर्धारित सर्किल रेट, बाजार में प्रचलित मूल्य, संपत्ति के ऐतिहासिक महत्व, संपत्ति के भावी जीवन, निर्माण लागत आदि को ध्यान में रखा जाता है। मूल्यांकन करने वाले व्यक्ति में दो गुण मुख्य रूप से आवश्य होने चाहिए। उसके अंदर एक इंजीनियर की दृष्टि होनी चाहिए और उसे एक अच्छा वित्तीय विश्लेषक भी होना चाहिए। मूल्यांकक द्वारा संपत्ति का मूल्य निर्धारित किए जाने के बाद बैंक जोखिम का अनुमान लगाता है तथा रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार समस्त औपचारिकताएं पूरी करके ऋण देता है। ऋण देने के कारण बैंकिंग सेवा आम आदमी से जुड़ गई है। इसीलिए अब बैंक न केवल देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अपितु वे सामाजिक विकास में भी उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कार्यशाला के मध्य इंजी० आर०के० अग्रवाल द्वारा लिखित “साइंस एंड इंजीनियरिंग” पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला की समाप्ति पर एक परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वोच्च अंक पाने वाले टॉप 10 छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। टॉप 10 छात्रों में बी०कॉम० (ऑनर्स) से सार्थक शुक्ला, वासुदेव सक्सेना, मयलका, मुसब्बेहा, अनुष्का शर्मा, इशांत कुमार, साहिबा, बी०कॉम० (सामान्य) से अपूर्व शर्मा, गायत्री एवं बी०कॉम० (कंप्यूटर) से सानिया जावेद सम्मिलित थे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी शुकदेवानंद सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ। संचालन डॉ० रूपक श्रीवास्तव ने किया। कार्यशाला में डॉ० अनुराग अग्रवाल और अपर्णा त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखें।
