प्रदेश सरकार की 1133 बाढ़ परियोजनाओं के निर्माण से करोड़ों की आबादी हुई सुरक्षित
बदायूँ। प्रदेश में वर्षा के समय नदियों, बड़े नालों आदि में अधिक पानी आने से लोगों के घर, गांव, फसल आदि में जलभराव हो जाता था, इससे जनता और किसानों का आर्थिक नुकसान होता था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का ध्येय है कि प्रदेश का हर व्यक्ति बाढ़, जल प्लावन से सुरक्षित रहे, और उसका कोई नुकसान न होने पाये। इसीलिए सरकार ने सिंचाई विभाग से बनाये जा रहे बाढ़ परियोजनाओं को स्वीकृत करते हुए भारी मात्रा में लोगों को बाढ़ व जल प्लावन से निजात दिलाते हुए लाखों हेक्टेयर फसलों को सुरक्षित किया है। उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष मानसून अवधि में नेपाल से आने वाली नदियों से तथा सीमावर्ती प्रदेशों से बाढ़ की स्थितियां उत्पन्न होती है। प्रतिवर्ष औसतन 40 जनपद संवेदनशीलता के दृष्टिगत महत्वपूर्ण होते हैं। विगत वर्षों में सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ से सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर एक नयी परम्परा स्थापित की गयी है. जिसके अन्तर्गत पारदर्शी तरीके से बाढ़ परियोजनाओं की स्वीकृति, समयबद्ध बजट व्यवस्था एवं परियोजनाओं के कार्यों का क्रियान्वयन प्रमुख है। इस परम्परा से बाढ़ से होनी वाली क्षति को न्यून से न्यूनतम् सीमित किया गया है। विभाग ने बाढ़ के संबंध में सक्रिय और केन्द्रीयकृत दृष्टिकोण अपनाते हुये पूर्ण गुणवता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर बाढ से बचाव की परियोजनाएं पूर्ण की गयी है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 167 बाढ़ परियोजनायें पूर्ण की गयी, जिससे 10.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तथा 46.26 लाख आबादी लाभान्वित हुई। वितीय वर्ष 2022-23 में 283, बाढ़ परियोजनाये पूर्ण की गयी, जिससे 3.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तथा 33.20 लाख आबादी लाभान्वित हुई। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 362, बाढ़ परियोजनायें पूर्ण की गयी, जिनसे बाढ़ प्रभावित जनपदों के 10.79 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तथा 68.97 लाख आबादी लाभान्वित हुई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 321 बाढ़ परियोजनायें पूर्ण की गयी, जिनसे 4.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तथा 60.45 लाख आबादी लाभान्वित हुई।
प्रदेश सरकार ने इन वर्षों में कुल 1133 बाढ़ परियोजनाओं का निर्माण करते हुए 30.3 लाख हेक्टेयर की भूमि/फसल का बचाव करते हुए 2.09 करोड़ की आबादी को लाभान्वित किया है।
