बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज, बदायूं के मानसिक रोग (साइकियाट्री) विभाग में नशा-मुक्ति अभियान आयोजित किया गया। अभियान के तहत छात्र-छात्राओं ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से आम जनता को नशे के दुष्प्रभाव, उससे होने वाले शारीरिक-मानसिक नुकसान और बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि नशा केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता को मोहल्लों, स्कूलों, परिवारों और समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। डॉ. कुमार ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य नशे और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को समझाना है। उन्होंने कहा, “नशा शरीर को ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव, अवसाद और कई मानसिक विकारों को भी बढ़ाता है। इसलिए समय पर पहचान और हस्तक्षेप बहुत जरूरी है।” मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरवीर यादव ने विद्यार्थियों की इस पहल को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति के लिए रोकथाम के साथ-साथ उपचार—जैसे काउंसलिंग, चिकित्सा और परिवार-समुदाय का सहयोग—भी अत्यंत जरूरी है। डॉ. यादव ने उम्मीद जताई कि यह छात्र-नेतृत्व अभियान न केवल कॉलेज परिसर, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के खतरे के प्रति जागरूक करना और समाज में स्वस्थ व सकारात्मक संदेश को प्रसारित करना रहा। अभियान को शिक्षकों, छात्रों और स्थानीय नागरिकों ने सराहा।