वीआईपी कॉलोनी महानगर में कूड़ा डालने को लेकर विवाद, जिलाधिकारी ने भेजी टीम
बरेली। महानगर की वीआईपी कॉलोनी में कूड़ा डालने को लेकर मंगलवार को बड़ा मामला सामने आया है। कॉलोनी निवासी सौम्या द्विवेदी पत्नी मनीष द्विवेदी सहित अन्य लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत पर जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए तुरंत एक राजस्व टीम गठित कर जांच के आदेश दिए। शिकायत के बाद राजस्व टीम, स्थानीय पुलिस व प्रदूषण विभाग के अधिकारी मौके पर महानगर कॉलोनी पहुंचे। निरीक्षण में पाया गया कि कॉलोनी के किनारे नदी के पास ग्राम समाज की जमीन पर भारी मात्रा में कूड़ा फेंका जा रहा है, जिससे आसपास के लोगों को दुर्गंध व प्रदूषण की समस्या झेलनी पड़ रही है। कॉलोनी में करीब 1600 घर हैं। आरडब्ल्यूए संस्था घरों से कूड़ा उठाकर वर्षों से इसी स्थान पर डलवाती आ रही है। ग्रामीणों व निवासियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यहां आगे कूड़ा नहीं डाला जाएगा।
निरीक्षण के दौरान दोनों पक्षों से बातचीत कर एक समाधान निकाला गया। तय हुआ कि कॉलोनी के प्रत्येक घर के बाहर बड़े कूड़ेदान रखे जाएंगे, जिनमें गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा होगा। बाद में इसे शहर के निर्धारित स्थान पर भेजा जाएगा। टीम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कूड़े में आग न लगाई जाए और पूरी जगह की साफ-सफाई कराई जाए। आरडब्ल्यूए निदेशक हेमंत शर्मा का बयान हेमंत शर्मा ने स्वीकार किया कि कूड़े की समस्या लंबी है। उन्होंने कहा कि कॉलोनी को अब तक नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया है, इसलिए कचरा वर्षों से इसी स्थान पर डालना पड़ता है। उन्होंने आग लगाने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि दीपावली के दौरान पटाखों की वजह से आग लगी होगी। सौम्या द्विवेदी ने आरोप लगाया कि आरडब्ल्यूए संस्था जबरन नदी किनारे कूड़ा डलवा रही है और शिकायत पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि “हम किसी भी कीमत पर अपने घरों के पास कूड़ा डालने नहीं देंगे।” सौम्या ने प्रदूषण विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। निरीक्षण में शामिल नायब तहसीलदार विदित कुमार व प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने माना कि नदी किनारे कूड़ा जमा होना गलत है। उन्होंने आरडब्ल्यूए को तुरंत कूड़े की सफाई, अलग-अलग कूड़ेदान लगाने और आग न लगाने के कड़े निर्देश दिए। टीम ने बताया कि मामले की दोबारा जांच की जाएगी और अधिकारियों से वार्ता कर समाधान सुनिश्चित कराया जाएगा।
