समाजसेवी जनार्दन आचार्य को अटल मन: जीवन पर्यंत सम्मान से किया पुरस्कृत
बरेली। साहित्यिक संस्था शब्दांगन के तत्वावधान में अटल जन्म शताब्दी वर्ष पर पत्रकार और समाजसेवी जनार्दन आचार्य को अटल मन: जीवन पर्यंत सम्मान” से पुरस्कृत किया गया । शब्दांगन के अध्यक्ष डॉ सुरेश रस्तोगी, महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी और उपाध्यक्ष रामकुमार अफरोज़ ने उत्तरीय, पगड़ी, स्मृति चिन्ह्, पटका, प्रशस्ति पत्र और सुनहरी माला से सम्मानित किया गया।
शब्दांगन सभागार बिहारीपुर खत्रियान पर कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती और अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। कवि रितेश साहनी ने मां शारदे की वंदना प्रस्तुत की।

डॉ सुरेश रस्तोगी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कविता “क्या हार में क्या जीत में – किंचित नहीं भयभीत मैं” सुनाकर अटल जी का भावपूर्ण समरण किया। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने अपने मित्र जनार्दन आचार्य के साथ बिताए हुए अनेक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि आचार्य जी ने पत्रकारिता के साथ समाजसेवा के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। इसी का परिणाम है कि वो जिला एवं पुलिस प्रशासन के रचनात्मक कार्य में हमेशा अग्रणी रहे और सभी से सम्मान पाया। अपने सम्मान पर बोलते हुए सम्मानित जनार्दन आचार्य ने कहा कि जैसा मेरा जीवन समाज सेवा में व्यतीत हुआ है, वैसा ही शेष जीवन समाज सेवा में हमेशा व्यतीत होगा। अपने सम्मान पर उन्होंने शब्दांगन संस्था का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ सुरेश रस्तोगी, इंद्रदेव त्रिवेदी, विकास मेहरोत्रा, रामकुमार अफरोज़, सुनील रस्तोगी, निर्भय सक्सेना, विशाल शर्मा, प्रमोद उपाध्याय, राम प्रकाश सिंह ओज, विनोद कुमार गुप्ता, जितेंद्र मिश्रा, सुनील दत्त शर्मा, पंकज कक्कड़, विनोद कुमार शर्मा, विष्णु भारद्वाज, मनोज दीक्षित, रितेश साहनी , अलका त्रिवेदी, नीरू रस्तोगी, कंचन रस्तोगी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर एक गरीब कन्या को विवाह का सामान भी भेंट किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया और सभी का आभार रामकुमार अफरोज़ ने किया। निर्भय सक्सेना
