उत्तराखंड स्थापना दिवस रजत जयंती वर्ष समारोह 9 नवंबर को संजय गांधी कम्युनिटी हॉल में
बरेली। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी पर्वतीय समाज (रजिस्टर्ड) बरेली द्वारा उत्तराखंड स्थापना दिवस रजत जयंती वर्ष समारोह दिनांक 9 नवंबर को स्थानीय संजय गांधी कम्युनिटी हॉल बरेली में दोपहर 2 बजे से देर रात्रि तक धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। संस्था के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह दियोलिया ने बताया कि इसमें स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के साथ ही उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक अजय-दीवान और यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड विजेता प्रसिद्ध अभिनेत्री अंकिता परिहार भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगी। इनको क्रमशः नागरिक अभिनंदन सम्मान और उत्तराखंड गौरव सम्मान प्रदान किया जायेगा। सचिव डॉ.नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि वरिष्ठ रंगकर्मी, सिने अभिनेता एवं वरिष्ठ साहित्यकार अनिल घिल्डियाल को साहित्य कला भूषण सम्मान और उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को सम्मान प्रदान किया जायेगा। मीडिया प्रभारी देवेन्द्र रावत ने बताया कि इस बार भव्य आयोजन की तैयारी के लिए पूरी टीम लगी हुई है। दर्शकों को पूरे वर्ष इस समारोह की प्रतीक्षा रहती है। सांस्कृतिक प्रभारी पूरन सिंह दानू और सोमा परिहार ने कहा कि स्थानीय कलाकारों की टीमें जोर शोर के साथ तैयारी में लगी हुई हैं। कार्यक्रम संयोजक एवं तकनीकी निर्देशक अशोक उप्रेती ने कहा कि इस बार कार्यक्रम में एल ई डी स्क्रीन के साथ ही बेहतरीन प्रकाश संयोजन मिलेगा। फिल्म अभिनेत्री अंकिता परिहार की मुख्य फिल्में “गढ़ कुमाऊं”,”संस्कार”,”यो कुनो रिश्ता”,”द्वि होला जब साथ” आदि फिल्में रिलीज हो गई हैं। लगभग एक दर्जन फिल्में फ्लोर पर हैं। फिल्म अभिनेता अनिल घिल्डियाल ने हॉटस्टार पर वेबसरीज “लाइफ हिल गई”, हंगामा गोल्ड में “अतिथि सत्कारम”, जियो सिनेमा में “रफूचक्कर”, यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड 2015 में “दस्तूर” फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर ऑफ उत्तराखंड ,”वो सात दिन” दूरदर्शन के लिए, कुमाऊनी फिल्में “राजुला”,”फौजी बाबू”,”गोपी किशन”,”दस्तूर” हिंदी फिल्म “लेडीज किलर” में जैकलीन के साथ,”मिशन टाइगर” आदि करी हैं। दीवान सिंह कनवाल जी अल्मोड़ा खत्याड़ी व अजय ढौंडियाल देहरादून के निवासी हैं और साथ ही पत्रकार भी हैं आपके प्रसिद्ध गीत”द्वि दीना का देर शेरूवा…..”, प्रथम कुमाऊनी फिल्म “मेघा आ” ,”बलि वेदना “,”आई गई बहार”,”जय हिंद” के सारे गीत दीवान जी ने गाए हैं। एल्बम”ठाठ बाठ”,”सुआ “,”पैलाग “,”हुड़की घमा घम ” आदि। प्रसिद्ध गीत “यो डना को पारा ” आदि हैं।




















































































