रामपुर में एक नवंबर से शुरू हुए यातायात माह के तहत पुलिस लगातार लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक कर रही है, लेकिन खुद पुलिसकर्मी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। मंगलवार को शहर के प्रमुख चौराहों और तिराहों पर हर तीसरा वाहन चालक बिना हेलमेट के नजर आया, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे। डीएम आवास के पास एक पुलिसकर्मी अपनी बेटी को बिना हेलमेट बाइक पर बैठाकर ले जाता दिखा और चलते वाहन में फोन पर बात करता रहा। बीते 10 महीनों में पुलिस ने 27,538 चालान काटे हैं, लेकिन इसके बावजूद नियम तोड़ने वालों पर अंकुश नहीं लग पाया है। वहीं “नो हेलमेट-नो फ्यूल” अभियान भी ठंडे बस्ते में चला गया है, पेट्रोल पंपों पर खुलेआम बिना हेलमेट पेट्रोल दिया जा रहा है, यहां तक कि बोतलों में भी पेट्रोल बेचा जा रहा है। शहर में ई-रिक्शा चालक भी नियमों की अनदेखी करते हुए 10-10 सवारियां भर रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग और पुलिस चुप है। अब विभाग ने चेतावनी दी है कि पुलिसकर्मी भी यदि हेलमेट या सीट बेल्ट का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने साफ किया है कि कानून सबके लिए समान है — चाहे वह आम नागरिक हो या वर्दीधारी।