अखिलेश कृष्ण के वंशज होने का दावा करते हैं तो उन्हें कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए आवाज उठानी चाहिए : निषाद
बरेली। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने गुरुवार को बरेली में
कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे पर मंत्री ने बड़ा बयान दिया। बोले-“अगर अखिलेश यादव खुद को यादव कहते है और कृष्ण के वंशज होने का दावा करते है। तो फिर मथुरा की जन्मभूमि की मुक्ति के लिए भी आवाज उठानी चाहिए, जिस तरह अयोध्या में राम जन्मभूमि का संघर्ष हुआ। अगर अपनी ही परंपरा की रक्षा नहीं कर सकते, तो दूसरों की क्या करेंगे?”मत्री डा. सजय निषाद बरेली में प्रेस कांफ्रेस को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के “दिए जलाने” वाले बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। बोले- जो मिट्टी का दिया बनाते हैं, वही इस देश की सभ्यता के असली रक्षक हैं, और उन्हीं के रोजगार पर विपक्ष सवाल उठा रहा है।अखिलेश पर तंज कसते हुए संजय निषाद बोले-“दिया कौन बनाता है? प्रजापति बनाता है। वो गरीब इसलिए है क्योंकि अंग्रेजों से लड़ा था। हमारे पूर्वजों ने मिट्टी के दिए से न सिर्फ घर रोशन किए, बल्कि आजादी की मशाल भी जलाई। जो लोग दीपोत्सव का विरोध कर रहे हैं, उन्हें भारतीय संस्कृति का सम्मान करना चाहिए, न कि बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने विपक्ष के दावों को सिरे से खारिज किया। कहा- “हम त्रेतायुग से एनडीए के साथ हैं। भगवान राम और निषादराज की मित्रता हमारी विचारधारा की जड़ है। हम एनडीए के साथ हैं और रहेंगे।”
डॉ. संजय निषाद ने सपा और बसपा पर भी निशाना साधते हुए कहा- “चार बार सरकारें बनीं, लेकिन पिछड़ों के नाम पर सिर्फ राजनीति हुई। न शिक्षा आयोग बना, न कोई ठोस कदम उठा। डबल इंजन सरकार ने पहली बार सबके विकास की दिशा तय की है।डॉ. संजय निषाद ने कहा कि पीडीए के नाम पर यह वोट लेते हैं। लेकिन सरकार में राज होता है वह अगड़ों का ।
जब मायावती आती है तो सतीश मिश्रा का राज रहता है और वहीं अगर साइकिल आ जाती है तो पहले अमर सिंह का था और अब माता प्रसाद पांडे की कंपनी काम करती है। समाजवादी पार्टी सिर्फ पिछड़ों के नाम पर वोट लेती है काम सारे पिछड़ी के विरोध वाले करती है।
उन्होंने कहा- “आज यूपी में दंगे बंद हैं, दंगाई डरते हैं। कानून व्यवस्था ठीक हुई है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। अर्थव्यवस्था सुधरी है, समरसता बढ़ी है और प्रदेश उत्तम बनने की ओर है।”




















































































