बरेली। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की जिला स्तरीय बैठक में किसानों की समस्याओं को लेकर 15 सूत्रीय मांगपत्र तैयार किया गया, जिसे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा जाएगा। बैठक में किसानों ने कहा कि अवारा पशु और बंदरों के बढ़ते प्रकोप से फसलें पूरी तरह नष्ट हो रही हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। संगठन ने गन्ने का मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल और धान-गेहूं का समर्थन मूल्य 3500 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। इसके अलावा बहेड़ी और नवाबगंज की चीनी मिलों द्वारा एक वर्ष से लंबित भुगतान तत्काल कराने की अपील की गई। बैठक में किसानों ने डीएपी, यूरिया जैसी खादों की किल्लत, बिजली निजीकरण, स्मार्ट मीटर और विद्यालयों के समायोजन जैसे मुद्दों पर कड़ा विरोध दर्ज किया। किसानों ने कहा कि जब बड़े कॉरपोरेट घरानों के कर्ज माफ हो सकते हैं, तो छोटे किसानों को राहत क्यों नहीं दी जा रही अनुमति। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सोमवीर सिंह, काशिफ रजा, जितेंद्र कुमार, विजयपाल, मोरपाल सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।