बरेली। आंवला तहसील क्षेत्र के आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के ग्राम बल्लिया में विकास कार्य के नाम पर हो रही नहर खुदाई विवादों में घिर गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि नहर का नाला सड़क की ओर मोड़ने के दौरान श्मशान घाट के सामने बैठने के लिए बनी बेंचों को तोड़ दिया गया, जिससे ग्रामवासियों में आक्रोश फैल गया। गांव के एक व्यक्ति की पत्नी के निधन पर जब ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बेंचें तोड़ी जा चुकी थीं और जेसीबी मशीन से खुदाई चल रही थी। इस दृश्य ने ग्रामीणों को आक्रोशित कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने श्मशान घाट से सटे खेत को खरीदा है और नाले को सड़क की ओर मोड़कर खेत की जमीन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि श्मशान घाट जैसे संवेदनशील स्थल पर जनता की सुविधा के लिए बनी बेंचें क्यों हटाई गईं? ग्रामीणों ने कहा कि “मृत्यु ही एकमात्र सत्य है, बाकी सब मोह-माया है। लेकिन प्रधान जी को यह बात समझ में नहीं आती। यदि जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर निजी संपत्ति बढ़ाने की कोशिश होगी तो यह जनता के साथ अन्याय है।” गांव वालों का कहना है कि प्रधान जिले के प्रभावशाली लोगों में गिने जाते हैं, लेकिन श्मशान घाट पर सुविधाओं का नुकसान करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मीडिया के माध्यम से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।