श्रीमती कृष्णा खंडेलवाल कनक स्मृति साहित्यिक समिति द्वारा कनक जयंती समारोह का आयोजन

बरेली। श्रीमती कृष्णा खण्डेलवाल की स्मृति में “कनक” की जयंती के अवसर पर इस वर्ष भी कनक साहित्य सम्मान समारोह का भव्य आयोजन संस्थापक/अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रसाद खंडेलवाल के नेतृत्व में खुशहाली ट्रस्ट के सभागार में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन मंत्री डा. अरुण कुमार एवं कैंट विधायक संजीव अग्रवाल द्वारा हाथरस से पधारी कवियित्री सोनाली वार्ष्णेय को कविता और साहित्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान हेतु कनक साहित्य सम्मान प्रदान किया
कार्यक्रम में कई प्रमुख अतिथि और साहित्यकार उपस्थित हुए, जिन्होंने अपने काव्यपाठ से सबको प्रभावित किया। संगठन परिवार की ओर से अतिथियों को पटका पहनाका और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सीतापुर से आए कमलेश कुमार मौर्य ‘मृदु’ ने कहा:
ज़िंदगी एक सलोना सपना है,
मौत के आगे वह भी बौना है।
कोई कुछ भी कहे यही सच है,
हर कोई वक़्त का ही खिलौना है।”
हाथरस से आए आशु कवि अनिल बौहरे ने तीन शब्दों में तुरंत कविता बना कर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया..श्रद्धांजलि स्वरूप कहा:
“नारी सशक्तीकरण को जो,
मंच पर उठाती रहीं सवाल।
काव्य के माध्यम से प्रश्नकर्ता,
थीं श्रीमती कृष्णा खण्डेलवाल।”
कवयित्री सोनाली वार्ष्णेय ने कहा:
*“परिवर्तन की दरारों से जंगल झाँक रहा है,
अपने हिस्से की भूमि वापस माँग रहा है।
कहर बरसा कर आसमान चुप था,
जिस पर होकर, मैं कई बार गुज़रा —
वह मलबा नहीं, इंसान था।”*
कवि रोहित राकेश ने कृष्णा जी को याद करते हुए कहा
इस दिल ने मत पूछो कब तुम्हें पुकारा है
जब जब आंख खुली तेरा नाम पुकारा है
अब आंख का हर आंसू सुलगता हमको है
हम नहीं खाते ग़म को गम खाता हमको है।। कार्यक्रम संयोजन डॉ रजनीश सक्सेना एवं गौरव खंडेलवाल का रहा। विशिष्ठ अतिथि सौरभ कुमार अग्रवाल रहे। कार्यक्रम में संस्थापक /अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रसाद खंडेलवाल, महामंत्री गौरव खंडेलवाल,डॉ रजनीश सक्सेना,कवि रोहित राकेश, इंद्रदेव त्रिवेदी, डॉ. प्रीति लावण्या, सीमा खण्डेलवाल, स्मिता खण्डेलवाल, रीता खण्डेलवाल, राजीव खण्डेलवाल, प्रीति राजपूत , अखिलेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में सभी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि श्रीमती कृष्णा खण्डेलवाल “कनक” की स्मृति हमेशा हमारे बीच जीवित रहेगी। अन्त में आभार कार्यक्रम अध्यक्ष चंद्रकांत त्रिपाठी ने व्यक्त किया।