बिसौली। के. बी. हिंदी सेवा न्यास की लगातार 108वीं मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन न्यास के कार्यालय ‘बाबू कुटीर ‘ ब्रह्मपुरी पर किया गया। अध्यक्षता हरस्वरूप शर्मा ने की ।मुख्य अतिथि राजेंद्र नाथ रहे। संचालन व्यंग्य के युवा कवि प्रवीण अग्रवाल ‘नादान’ ने किया। सर्व प्रथम न्यास अध्यक्ष डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा ‘सुधांशु’ व मंचसीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व माँ वाणी को पुष्पार्पण किया गया. प्रवीण अग्रवाल ‘नादान’ ने सरस्वती वंदना का गान किया. प्रवीण ‘नादान’ ने सुनाया – मोबाइल में बसते जैसे इन बच्चों के प्रान। कितना बदल गया इंसान. रमेश चन्द्र मिश्र ‘सहज’ ने कहा – तनिक देर न करूँ, चपलता से उड़ान भर लूंगी. आतंकी के घर में घुस, चिथड़े तमाम कर दूँगी. डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा ‘सुधांशु’ ने कहा – आन-बान अरु शान है, भारत पुत्र ‘शुभांशु’. कोटि-कोटि शुभकामना, अर्पित करे ‘सुधांशु’. अशोक कुमार दुबे ‘अशोक’ ने सुनाया- पहलगाँव में जो हुआ, उससे पहुँची चोट. जगजाहिर अब हो गई, उसके मन की खोट. श्रीपाल शर्मा ‘शमन’ने कहा- कृपा करो हम पर श्याम सुंदर. हे भक्तवत्सल कहाने वाले. साक्षी शर्मा ने कहा – नारी को कम आंकना,हुई पाक की हार. दो नारी ने कर दिया, उसका बंटा ढार. कु. भक्ति शर्मा ने सुनाया- माँ की ममता का क्या कहना. ममता होती माँ का गहना. स्तुति शर्मा ने सुनाया – सबसे अच्छा सबसे न्यारा. नगर बिसौली अपना प्यारा. रुद्रांश वत्सभार्गव ने सुनाया- कहता है सारा संसार. माँ की ममता का न पार. अक्षांश वत्सभार्गव ने सुनाया- पापा स्कूल छोड़ने जाते. मम्मी लेकर आती है. मम्मी हमको भाती है. व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर प्रवीण अग्रवाल ‘नादान’ को न्यास अध्यक्ष डॉ.सुधांशु द्वारा ‘के.बी. स्मृति हिंदी सेवी सम्मान’ से अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया. अध्यक्षीय उदवोधन के पश्चात गोष्ठी का समापन किया गया।