ओएनजीसी ने असम में तेल कुएं से हो रहे गैस रिसाव पर पाया काबू, स्थायी बंदी की तैयारी

असम:
ओएनजीसी ने गैस रिसाव पर पाया काबू, स्थायी बंदी की तैयारी में जुटी टीम रुद्रसागर तेल क्षेत्र में ओएनजीसी की कार्रवाई सफल, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने दी स्थायी बंदी की मंजूरीअसम के शिवसागर जिले के रुद्रसागर तेल क्षेत्र में बीते कई दिनों से चल रहे गैस रिसाव संकट पर अंततः काबू पा लिया गया है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने दावा किया है कि उन्होंने कुएं नंबर आरडीएस-147ए से हो रहे गैस के बहाव को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया है। यह रिसाव 12 जून 2025 को शुरू हुआ था, जब सर्विसिंग के दौरान अचानक गैस विस्फोट हुआ और गैस का तेज प्रवाह शुरू हो गया।
इस घटना के बाद ओएनजीसी की विशेष तकनीकी और बचाव टीमें मौके पर तैनात कर दी गईं। सीयूडीडी प्रेशर कंट्रोल की विशेषज्ञ टीम ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा किया और अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। विशेषज्ञों ने ओएनजीसी की रणनीति और कार्यान्वयन की सराहना की और कुएं के सुरक्षित प्रबंधन के दृष्टिकोण की पुष्टि की।
24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था, ट्यूबलर हटाने की प्रक्रिया शुरू
ओएनजीसी ने बताया कि कुएं से ट्यूबलर हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही 24 घंटे “वाटर कंबलिंग” यानी जल परत डालने का कार्य लगातार जारी है ताकि किसी भी प्रकार की ज्वलनशील स्थिति को रोका जा सके। पास की नदी के जल स्तर की भी निगरानी की जा रही है ताकि किसी आपात स्थिति से बचा जा सके।
ओएनजीसी ने दावा किया है कि वह पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों के अनुसार कार्य कर रही है। राहत शिविरों में चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि विस्थापित लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गांवों से लोगों का स्थानांतरण, मुख्यमंत्री ने की स्थायी बंदी की घोषणा
गौरतलब है कि गैस रिसाव की वजह से बारीचुक भटियापार और आसपास के कई गांवों के लोगों को तत्काल रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था। लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया था।
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शुक्रवार को कुएं नंबर आरडीएस-147ए को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया। यह निर्णय न केवल स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से भी लिया गया है।
ओएनजीसी की ओर से राहत कार्य जारी, विशेषज्ञों की निगरानी में आगे की तैयारी
ओएनजीसी ने कहा है कि अगले चरण की कार्रवाई की व्यापक तैयारी की जा रही है। इसमें कुएं की पूर्ण बंदी, रिसाव के अवशेषों का निष्पादन और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन शामिल है। विशेषज्ञों की निगरानी में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना एक बार फिर से तेल एवं गैस उद्योग की सुरक्षा व्यवस्थाओं की अहमियत को रेखांकित करती है। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है और स्थानीय प्रशासन ओएनजीसी के साथ समन्वय में काम कर रहा है।