बदायंू: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर बनने जा रही ‘‘प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा‘‘ का भूमि पूजन हुआ। परिजनों ने अंशदान का संकल्प लिया। गायत्री परिजनों और श्रद्धालुओं ने सूक्ष्म जगत के परिशोधन के लिए यज्ञभगवान को विशेष आहुतियां समर्पित की। गायत्री शक्तिपीठ बदायंू के सचिन देव ने वेदमंत्रोच्चारण कर भूमि पूजन और गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि धरती में बीज ही नहीं, संस्कार भी उपजते हैं। संरक्षक सुरेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि भूमि में अच्छे-बुरे संस्कार ग्रहण करने, आत्मसात करने की विलक्षण शक्ति होती है। अनिल प्रकाश गुप्ता ने कहा कि यज्ञ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है। इसमें वातावरण को शोधन करने की अद्भुत क्षमता होती है। मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल राठौर ने कहा कि यज्ञ से यश कीर्ति, समृद्धि और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति में धरती मां के आंचल में मांगलिक कार्य करने से पूर्व पूजन करें। मुरादाबाद जोन प्रभारी डीपी सिंह ने कहा कि विश्व धरा पर आने वाली विपत्तियों समाधान साधना और यज्ञीय ऊर्जा से करें। अपनी शक्ति को सृजन के कार्य में लगाएं। मुख्य यजमान नरेंद्र पाल शर्मा ने सपत्नीक प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले औजारों का पूजन किया। वरिष्ठ परिजन उदयभान गुप्ता, सुखपाल शर्मा, रघुनाथ, कालीचरन पटेल और पुत्तू लाल शर्मा ने शक्तिकलश और माया सक्सेना, नीलम पटेल, नत्थूलाल शर्मा, वीरेंद्र रस्तोगी, सुमित सक्सेना, महेश चंद्र सक्सेना ने मुख्य दीप का पूजन किया। यज्ञ के पश्चात आरती, अमृत जल की वर्षा हुई। मातृशक्तियों और देवकन्याओं को भोजन कराया गया। गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार के तर्ज पर बनने जा रही ‘‘प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा‘‘ के निर्माण के लिए अंशदान और श्रमदान का संकल्प लेने वाले आत्मीय परिजनों को गायत्री मंत्र का पटिका पहनाकर, तिलक और पुष्प वर्षा की गई। इस मौके पर, अपूर्वा, मदन लाल झा, रजनी मिश्रा, शोभना भारद्वाज, ब्रजकिशोर, राजेश्वरी, समृद्धि, मीनू, प्रज्ञा, रेनू, प्रीति, अदिति, आदित्य, सत्यवती शर्मा, महेश, बालक राम, रामवीर, नरेंद्र, ममता, केंद्रपाल सिंह आदि मौजूद रहे।