शाहजहाँपुर। एस॰एस॰ कॉलेज के वाणिज्य विभाग में अम्बेडकर जन्मोत्सव पखवाड़े के अन्तर्गत व्याख्यान का आयोजन हुआ। व्याख्यान का विषय था अम्बेडकर एक सामाजिक उद्यमी। इस अवसर पर बी॰कॉम॰ कम्प्यूटर की प्रभारी बृजलाली चौबे द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘‘सामाजिक उद्यमिता और समाज का सषक्तिकरण‘‘ का विमोचन भी किया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो॰ आर॰के॰ आज़ाद ने कहा कि डॉ॰ अम्बेडकर न केवल विधि विषेषज्ञ, सामाज सुधारक और राजनेता थे अपितु वह एक सामाजिक उद्यमी भी थे। उन्होंने एक उद्यमी की भाँति कार्य करते हुये सान्ध्यकालीन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की स्थापना की ताकि गरीब वर्ग के युवा आर्थिक काम करने के साथ-साथ षिक्षा भी ग्रहण कर सकें। उन्होंने पुस्तकालयों की भी स्थापना की। डॉ अम्बेडकर यह मानते थे कि षिक्षा ही सबसे लाभकारी निवेष और ऊपर उठने का सबसे शक्तिषाली उपकरण है। डॉ॰ अम्बेडकर ने अनेक महिला विद्यालयों की भी स्थापना की वे मानते थे कि समाज के नव-निर्माण मंे महिलाओं की सक्रिय भूमिका आवष्यक है। डॉ॰ अम्बेडकर ने एक उद्यमी की भाँति गरीब व पिछड़े युवाओं को न केवल रोजगार के लिये प्रेरित किया अपितु अपने द्वारा अर्जित आय के एक भाग को समाज के विकास एवं सषक्तिकरण पर व्यय करने हेतु भी प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रो॰ ए॰के॰ मिश्रा ने कहा कि डॉ॰ अम्बेडकर ने अपने जीवन में जिन उपेक्षाओं और अभावों का अनुभव किया उन्हीं से ऊर्जा प्राप्त करके एक समतः मूलक सषक्त समाज के निर्माण हेतु जीवन भर उद्यम किया। उनके परिश्रम का परिणाम ही हमारा संविधान है जिसके मार्गदर्षन में विष्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र और विविधिता पूर्ण समाज निष्पक्ष रूप से समानता आधारित विकास की ओर अग्रसर है। प्रो॰ अनुराग अग्रवाल के संचालन में हुये कार्यक्रम के अन्त मेें सामाजिक उद्यमिता पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया जिसमें देष विदेष के अनेक विद्वानों के 50 से अधिक लेख प्रकाषित हैं। इसमें डॉ॰ अम्बेडकर की सामाजिक उद्यमिता पर आधारित लेख भी सम्मिलित हैं। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ॰ देवेन्द्र सिंह, डॉ॰ कमलेष गौतम, डॉ॰ रूपक श्रीवास्तव, अपूर्वा सक्सेना, निष्चय शुक्ला आदि का विषेष सहयोग रहा।