मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना से बरेली में अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़, एक अभियुक्त गिरफ्तार

बरेली। मिलिट्री इंटेलिजेंस बरेली यूनिट की सटीक और गोपनीय सूचना ने बरेली पुलिस को एक अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने में महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। इस कार्रवाई में थाना नवाबगंज पुलिस, विशेष कार्य बल एसओजी , और सर्विलांस टीम ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के मार्गदर्शन में संयुक्त रूप से रणनीतिक ऑपरेशन को अंजाम दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन, पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) के नेतृत्व, और क्षेत्राधिकारी नवाबगंज के पर्यवेक्षण में यह अभियान न केवल अवैध हथियारों के निर्माण को रोकने में सफल रहा, बल्कि क्षेत्र में अपराध नियंत्रण की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हुआ। मिलिट्री इंटेलिजेंस की इस सक्रिय भूमिका ने पुलिस कार्रवाई को असाधारण दिशा प्रदान की। जंगल में रात को छापा: मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर कार्रवाई मिलिट्री इंटेलिजेंस बरेली यूनिट ने 9 अप्रैल 2025 को पुलिस को सूचित किया कि ग्राम बालपुर के जंगल क्षेत्र में अवैध हथियारों का निर्माण हो रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तत्काल योजना बनाई और रात करीब 21:10 बजे ग्राम बालपुर की ओर जाने वाले रास्ते से जंगल की ओर बढ़ते हुए गेहूं के खेत के पास मेढ़ पर पेड़ों के नीचे एक व्यक्ति को तमंचा बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा। अभियुक्त की पहचान भीमसेन उर्फ बबलू (45 वर्ष), पुत्र उमा चरण, निवासी ग्राम बालपुर, थाना नवाबगंज, जिला बरेली के रूप में हुई। उसके पास से 3 तमंचे 315 बोर (एक जिंदा कारतूस सहित), 2 तमंचे 32 बोर दो खोखा कारतूस सहित , और तमंचा बनाने के कई उपकरण बरामद किए गए। इस पूरी कार्रवाई में मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना की सटीकता ने पुलिस को सही समय पर सही स्थान पर पहुंचने में मदद की। अभियुक्त का खुलासा: कबाड़ से बनाता था तमंचे पुलिस पूछताछ में अभियुक्त भीमसेन ने बताया कि वह खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आय के लिए अवैध तमंचे बनाता और बेचता था। उसने यह कला गांव के ही पप्पू पुत्र इंदर (अब मृत) से सीखी थी। उसने कबूल किया कि वह कबाड़ से स्टेयरिंग रॉड और इंजन के मोबिल ऑयल पंप की लोहे की रॉड से तमंचे की नाल बनाता था, जबकि लोहे की चादर से बॉडी और कबाड़ से स्प्रिंग जैसी अन्य सामग्री तैयार करता था। एक तमंचा वह 3 हजार से 5 हजार रुपये में बेचता था। इस खुलासे से मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना की प्रामाणिकता और भी पुख्ता हुई, क्योंकि अभियुक्त का अवैध कारोबार ठीक उसी स्थान पर चल रहा था, जिसका जिक्र खुफिया जानकारी में था। बरामदगी: मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना से उजागर हुआ जखीरा मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर आधारित इस कार्रवाई में पुलिस ने भारी मात्रा में सामग्री जब्त की। बरामदगी में 3 तमंचे 315 बोर (एक जिंदा कारतूस सहित), 2 तमंचे 32 बोर (दो खोखा कारतूस सहित), 5 नाल 315 बोर, एक आरी, 21 आरी ब्लेड, एक रेती, एक पंखा, 3 स्प्रिंग, 10 बड़ी लोहे की प्लेटें, 3 हथौड़े, एक प्लास, पेच व कीलें, दो ड्रिल मशीनें, एक सुम्मा 315 बोर, एक सुम्मा 32 बोर, और अन्य तमंचा बनाने के उपकरण शामिल हैं। यह बरामदगी अवैध हथियारों के निर्माण और वितरण के नेटवर्क को तोड़ने में मिलिट्री इंटेलिजेंस की भूमिका को और सशक्त करती है। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम में उपनिरीक्षक राजकुमार गौतम, उपनिरीक्षक योगेश कुमार, हेड कांस्टेबल चेतन सिंह , और कांस्टेबल दीपक यादव शामिल थे। हालांकि, इस कार्रवाई की नींव मिलिट्री इंटेलिजेंस की सटीक खुफिया जानकारी थी, जिसने पुलिस को सही दिशा में कार्रवाई करने का अवसर प्रदान किया। मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस के बीच इस तरह का समन्वय भविष्य में भी अपराध नियंत्रण में प्रभावी साबित होगा।