दिल्ली से बरेली तक का दर्दनाक सफर: समलैंगिंग प्यार, धोखा और हिंसा की कहानी
बरेली । प्यार की राहें कभी आसान नहीं होतीं, लेकिन जब यह रास्ता विश्वासघात, हिंसा और अपमान से होकर गुजरता है, तो दिल टूटने के साथ-साथ जिंदगी भी बिखर जाती है। दिल्ली की एक महिला की यह कहानी कुछ ऐसी ही है, जो अपने प्यार और भरोसे की कीमत चुकाने के लिए बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दरवाजे तक पहुंची। यह मामला सिर्फ धोखे और चोरी का नहीं, बल्कि एक गहरे भावनात्मक रिश्ते के टूटने और उससे उपजी पीड़ा का भी है। दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में रहने वाली यह महिला मेहनत-मजदूरी से अपना गुजारा करती थी। उसकी जिंदगी में तब एक खास मोड़ आया जब उसकी बुआ की लड़की काम की तलाश में उसके पास पहुंची। दोनों एक ही छत के नीचे रहने लगे, और धीरे-धीरे उनके बीच प्यार पनपने लगा। यह रिश्ता समलैंगिक था, जिसमें पीड़िता ने अपने दिल और आत्मा को झोंक दिया। वह अपनी बुआ की लड़की से बेइंतहा प्यार करती थी और उस पर पूरा भरोसा करती थी। लेकिन यह भरोसा जल्द ही उसके लिए मुसीबत बन गया। उसका आरोप है कि उसकी प्रेमिका ने माता-पिता के इलाज के नाम पर उससे पैसे मांगने शुरू किए। प्यार की खातिर पीड़िता ने चार सालों में करीब तीन लाख रुपये दे दिए। जब उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो प्यार की मिठास कड़वाहट में बदल गई। उसे झगड़े, ताने और धमकियां मिलने लगीं। पीड़िता का दावा है कि उसकी प्रेमिका की जिंदगी में कई नाजायज रिश्ते थे और वह ऐय्याशी में डूबी हुई थी। मामला तब और बिगड़ गया, जब बीती 9 मार्च को उसकी प्रेमिका ने उसकी गैरमौजूदगी में उसके दो मोबाइल फोन (ऑप्पो-21 और रेडमी), दो सोने की अंगूठियां, दो जोड़ी सोने के कुंडल और जरूरी कागजात चुराकर अपने गांव सिरौही (थाना भमौरा, बरेली) भाग गई। 27 मार्च 2025 को जब पीड़िता अपने प्यार और सामान को वापस मांगने बुआ के घर पहुंची, तो उसे मारपीट का सामना करना पड़ा और घर से भगा दिया गया। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। 4 अप्रैल 2025 की रात करीब 10 बजे उसे थाने के बाहर बुलाया गया, जहां उसकी प्रेमिका, उसके पिता और भाई ने मिलकर उसे बुरी तरह पीटा। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ अश्लील हरकतें की गईं और चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी गई। थाने में शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हताश होकर उसने एसएसपी से गुहार लगाई कि भमौरा थाना अध्यक्ष को सख्त निर्देश दिए जाएं, ताकि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और उसका सामान व पैसे वापस मिलें। यह कहानी एक समलैंगिक रिश्ते में प्यार, विश्वास और ठगी की त्रासदी को बयां करती है। पीड़िता का कहना है कि उसने अपने प्यार में सब कुछ लुटा दिया, लेकिन बदले में उसे सिर्फ दर्द और अपमान मिला। अब वह इंसाफ की आस में भटक रही है। क्या उसे उसका हक मिलेगा, यह सवाल अभी अनुत्तरित है।




















































































