उझानी। नगर पालिका अधिनिष्ठ घंटाघर मार्केट के दुकानदारों को पालिका प्रशासन द्वारा हुए अनुबंधपत्र को जन शिकायत के तहत एक अधिवक्ता द्वारा मांगे गए थे। पालिका प्रशासन ने थर्ड पार्टी बताकर दुकानदारो व पालिका प्रशासन बीच हुए अनुबंधपत्र को देने से इंकार कर दिया था। जिसके तहत दुकानदारो को पालिका प्रशासन ने नोटिस दिए थे। जिसमें दुकानदारों से जबाब मागा गया की पालिका द्वारा जन शिकायत के तहत मांगे गए अनुवंधपत्रो को देने की क्या उनकी सहमति है यदि दुकानदारो की सहमती होती है तो अनुबंधपत्र दे दिए जायेगे। यदि दुकानदार अनुवंधपत्र देने से मना करते है तो पालिका प्रशासन थर्ड पार्टी का अनुवंधपत्र देने को वाध्य नही है। यहां बताते चले कि पूर्व सभासद राकेश कुमार सक्सेना एडवोकेट ने आर टी आई के तहत घंटाघर मार्केट की दुकानों के किरायेदारो द्वारा पालिका के बीच हुए अनुबंधित पत्र की कापी मांगी गई थी। जिसमें पालिका प्रशासन से थर्ड पार्टी बताकर अनुबंधित पत्र देने से मना कर दिया था। उसके बाद भी जबाव मागा गया तो पालिका प्रशासन ने दुकानदारो को नोटिस देकर जबाव मांगा था। क्या आप की मर्जी है या नही जबाव मांगा था। जिसमें सभी दुकानदारो अनुबंधित पत्र देने पर सहमति नही मिली है। वही थर्ड पार्टी का अनुबंधित पत्र नही दिया जा सकता है। यदि दुकान दार चाहते हैं कि उनके नगर पालिका के बीच हुए अनुबंधित पत्र दे दिए जाये तो पालिका प्रशासन अनुबंधित पत्र दे सकती है। वही दुकानदारों की सहमती नही है तो जन शिकायत के तहत नगर पालिका प्रशासन दुकानदारो के अनुबंधित पत्र देने को वाध्य नही है। वही पालिका प्रशासन द्वारा अचानक नोटिस देने को लेकर दुकानदारों में हडकंप मच गया। वही दुकानदारों ने अपने अनुबंधितपत्र देने से इंकार कर दिया है !