बदायूं । मुख्यालय पर डॉ.भीमराव अंबेडकर पार्क में राष्ट्रीय दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक महासंघ के तत्वाधान में एवं अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से एक दिवसीय धरना किया गया। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बौद्ध महाउपासक डॉ.क्रांति कुमार ने कहा की बिहार सरकार बोध गया टेंपल एक्ट 1949 को समाप्त कर महाबोधि विहार बुद्ध ज्ञान स्थली को गैर बौद्ध से मुक्त कराया जाए। गया में बौद्ध अनुयाइयों का संघर्ष ऐसे विपरीत समय में काबिले तारीफ है। बौद्ध दर्शन इस देश की दर्शन परंपरा का ही दर्शन है। इसकी विरासत को हर कीमत पर बचाए जाने की जरूरत है। बौद्ध विरासत को बौद्धअनुयायियों को समर्पित किया जाना चाहिए। इसमें किसी दूसरे धर्म या समुदाय का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। भारतीय बौद्ध महा सभा के राधे श्याम बौद्ध ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन की लंबी परंपरा है। समय समय इस बौद्ध स्थल बुद्ध ज्ञान स्थली को मुक्त कराने के लिए बौद्ध अनुयाई संघर्ष करते रहे हैं। सबसे पहले 1891 में पहली बार बद्धों के अधिकार की मांग उठाई गई। लेकिन हर संघर्ष के बाद बौद्धों को धोखा हो मिला है। 1949 में बोधगया टेंपल एक्ट बनाकर एक कमेटी के जरिए कमेटी में बहुमत का माध्यम से कानूनी तौर पर हिंदुओं का अधिकार स्थापित कर दिया गया। लेकिन बौद्ध अनुयाई अपने धार्मिक स्थल पर बौद्धों के नियंत्रण के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं। मौर्य शाक्य सैनी कुशवाहा महासभा के रामेश्वर शाक्य ने कहा दुनियां में किसी भी देश में, किसी भी धर्म में उनके धार्मिक स्थलों पर उनके मानने वालों का ही नियंत्रण होता है। लेकिन हमारे देश में जिस देश में बुद्ध धर्म पैदा हुआ वहां बुद्ध को मानने वाले अपनी ही विरासत की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। महात्मा बुद्ध ने पूरी दुनियां को अहिंसा, करुणा और दया का संदेश दिया लेकिन उन्ही की जन्मस्थली में उन्ही की विरासत बुद्ध ज्ञान स्थली पर कब्जा किया जा रहा है। हिंदुओं द्वारा बौद्ध विरासत पर कब्जा केवल मंदिर पर ही कब्जा नहीं है, बल्कि मंदिर से जुडी जमीन और संपत्ति का भी मामला है। बौद्ध अनुयाई अपनी विरासत को बचाने और उस पर नियंत्रण को लेकर शांतिपूर्ण संघर्ष करते रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट बदायूं के माध्यम से भेजा गया। कार्यक्रम का संचालन बौद्ध अनुयाई राधे लाल बौद्ध ने किया। कार्यक्रम को भिक्षु संघ से भंते राजपाल, भंते महानाम, भंते थेरोपानंद, भंते अक्ष्यदीप, भंते सह शरन, भंते आनंद विनय शील, भंते प्रज्ञा दीप, भंते धम्म दीप, भंते विश्व रत्न, भंते बुद्ध ज्योति, भंते संघ रतन, भंते महेंद्र पाल के अलावा एड गुरदयाल भारती, सत्यपाल सिंह शाक्य, हरीश दिनकर, रघुवीर सिंह करनल,चंद्रपाल शाक्य, प्रेमपाल सिंह ,चरन सिंह यादव, सविता अंबेडकर, सुधा बौद्ध, डा सतीश , एड आर पी त्यागी, सुनील कुमार, हर्षवर्धन आदि ने विचार व्यक्त किए और बुद्ध ज्ञान स्थली के मुक्त कराए जाने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही। धरना प्रदर्शन में सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।