आठ दिवसीय ऑनलाइन टीचर ट्रैनिंग प्रोग्राम का हुआ समापन

बदायूं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर ट्रेनिंग सेंटर एवं राजकीय महाविद्यालय बदायूं के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3 मार्च से 11 मार्च तक चल रहे आठ दिवसीय ऑनलाइन टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का आज समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बरेली परिक्षेत्र की उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ संध्या रानी शाक्य ने ट्रेंनिंग प्रोग्राम की सराहना करते हुए सभी को आयोजकों को शुभकामनाएं दी। कोर्स डायरेक्टर डॉ फ़ैज़ा अब्बासी ने उच्च शिक्षा के शिक्षकों के प्रशिक्षण को मानव समाज और राष्ट्रहित में आवश्यक बताया। कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ संजीव राठौर, एकेडमिक कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर साजिद जमाल एवं कस्टोडियन चेयरपर्सन डॉ श्रद्धा गुप्ता ने सभी रिसोर्स पर्सन एवं प्रशिक्षक व्याख्याता एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कुल आठ दिवस में संचालित टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों के ख्याति प्राप्त विद्वान आचार्य ने अपनी व्याख्यान के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में संचालित मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक डॉ आशुतोष यादव ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट विषय पर प्रशिक्षण दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डॉ मनसफ़ आलम ने सूचना एवं संचार तकनीकी के महत्व और प्रयोग के तरीकों से अवगत कराया। एनआईटीटीआर भोपाल के प्रोफेसर अतुल मिश्रा ने उच्च शिक्षा एवं समाज विषय पर दोनों की एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारी एवं पूरकता को परिभाषित किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की में शिक्षा शास्त्र के प्रोफेसर डॉ नसरीन में स्टूडेंट डायवर्सिटी एंड इंक्लूसिव एजुकेशन पर प्रकाश डाला। इसी विश्वविद्यालय के कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एमएस बेग ने परिणाम आधारित शिक्षा के सिद्धांतों को समझाया। अमुवि अलीगढ़ के कुरान अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रोफेसर ए आर किदवई ने शैक्षणिक नेतृत्व के कौशल को विकसित करने का मंत्र दिया, जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो और शिक्षक की क्षमता में वृद्धि हो। भारतीय विश्वविद्यालय कोलकाता के परफॉर्मिंग आर्ट थेरेपी केंद्र की निदेशक प्रोफेसर अमिता दत्त मुखर्जी ने स्किल डेवलपमेंट पर व्याख्यान दिया। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर की एमएमटीसी निदेशक प्रोफेसर प्रीति कुमारी सुरेश ने सभी प्रकार के शोध अनुसंधान को मानव समाज के हित में व्यावहारिक रूप से लागू करने पर जोर दिया तथा उसका उपयोग नीति निर्माण और शिक्षा क्षेत्र में करने के लिए प्रेरित किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्रोफेसर डॉ ए के बख्शी ने समाज के लिए उच्च शिक्षा की उपयोगिता को उद्घाटित किया। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में संचालित एमएमटीटीसी की निदेशक प्रोफेसर दिव्या जोशी ने शैक्षणिक संस्थाओं की क्षमता में वृद्धि करने तथा उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने एवं शोध और नवाचार को बढ़ाने के लिए संस्थागत विकास की योजना बनाए जाने पर जोर दिया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर क़ाज़ी मजहर अली ने शोध की उत्कृष्टता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज के लिए नवीन ज्ञान और इसके लिए प्रभावी व विश्वसनीय, उत्कृष्ट अनुसंधान आवश्यक है। जिसके लिए शिक्षकों को निरंतर प्रयास करना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज की वाणिज्य विषय की प्रोफेसर डॉ किरण चौधरी ने सूचना एवं संचार तकनीकी की जानकारी दी। ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतिम दिन अलीगढ़ विश्वविद्यालय में शिक्षा शास्त्र के प्रोफेसर डॉ साजिद जमाल ने समग्र और बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 में बनाए गए प्रावधानों के मुख्य पक्षों से परिचित कराया। इसी दिन द्वितीय सत्र में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सारिका वार्ष्णेय ने भारतीय ज्ञान प्रणाली की विविधता और बहुलता में समाहित एकात्मक तत्वों को उदघटित करते हुए इसकी प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला तथा उसके आध्यात्मिक और दार्शनिक परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करते हुए उसके व्यावहारिक एवं उपयोगिता वादी दृष्टिकोण को समझाया। ए एन कॉलेज पटना की डॉ शीरिन मसरूर, राजकीय महिला महाविद्यालय के डॉ ऋषभ भारद्वाज, प्रयागराज के डॉ अखिलेश तिवारी, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय असम के डॉ गौरी शंकर दास, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के डॉ मनीष देव शर्मा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ नीतू अग्रवाल एवं उत्तरांचल विश्वविद्यालय के डॉ अजय तिवारी ने अलग-अलग दिवसों में चेयरपर्सन की भूमिका निभाई।राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार बत्रा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ मिलकर और भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर सभी सहायक कोऑर्डिनेटर डॉ गौरव कुमार सिंह, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ नीरज कुमार,डॉ सरिता, डॉ सतीश सिंह यादव एवं डॉ राकेश कुमार जायसवाल उपस्थित थे।