भारतीय बौद्ध महासभा ने दिया ज्ञापन

बरेली। भारतीय बौद्ध महासभा के कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष हरीपाल सिंह और प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया और बताया कि महा बोधि महाविहार पूर्ण रूप से बौद्धों के हाथ में सौंपा जाए पिछले 12 फरवरी से बोध गया टेंपल के पास देश भर के विभिन्न बौद्ध संगठनों के द्वारा बोधगया महाविहार पूर्णता बौद्धों के हवाले करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं महाबोध महाविहार टेंपल एक्ट 1949 में 5 सदस्य गैर बौद्ध रखना यह बौद्ध धर्म का खुले तौर पर अपमान है और खास कर शेव वादी महंत ब्राह्मण का समिति में रखना बौद्ध धर्म का अपमान है क्योंकि आदि शंकराचार्य द्वारा बौद्ध धर्म के खिलाफ हिंसा अभियान चलाया गया था उन्हें ब्राह्मण का महाबोध पर कब्जा करना कहां तक न्याये उचित है जिस महल की कोठी में सैकड़ो बुद्ध मूर्तियां पड़ी है सैकड़ो बौद्ध राजाओं के अभिलेख पड़े हैं यह अपने आप में सही नहीं हुआ है चौथी सदी आए फाह्यान और सातवीं सदी में आए हुए हुयेंग्सान के सफर नामे से पता चलता है कि बोधगया मंदिर में कहीं पर भी शिव मंदिर नहीं था बीटीएमसी के गैर बौद्ध खासकर महंत ब्राह्मण अपने ब्राह्मण कर्मचारियों द्वारा बुद्ध के पास पांच प्रतिमाओं को पांडव कहकर प्रचार में ला रहे हैं और पवित्र महाबोध बिहार के बरामदे में कमरे में शिवलिंग को स्थापित कर इस अंतरराष्ट्रीय धरोहर को हड़पना चाहते हैं बोधगया यह केवल बिहार या भारत का ही नहीं बल्कि विश्व का गौरव है बोधगया विश्व धरोहर है इस पवित्र स्थल पर मनुवादियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है इसी वजह से महाबोध महा बिहार टेंपल एक्ट 1949 बनाया गया बिहार राज्य के राज्यपाल आर्लेकर ने भी बोधगया जाकर बोधगया शिवालय कहकर महंत ब्राह्मण के कब्जे को मान्यता दे दी इसलिए राज्यपाल पद पर आसीन व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता उन पर भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए महाबोध महाविहार टेंपल एक्ट 1949 द्वारा तुरंत प्रभाव से रद्द किया कर नए सिरे से कानून यह पवित्र बौद्ध स्थल भारत के बौद्धों के हवाले करना चाहिएअपनी प्रमुख मांगों में उन्होंने महेंद्र ब्राह्मण की कोठी यह सम्राट अशोक के राजमहल पर बनाई गई है इसके ऐतिहासिक प्रमाण फ्रांसिसबुकानन के दस्तावेजों से प्रमाणित होता है इस स्तर पर उत्खनन कर उसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए सम्राट अशोक से ही भारत की वास्तविक पहचान है और महंत ब्राह्मण की कोठी में जो शाक्य मुनि तथागत बुद्ध की सैकड़ो मूर्तियों तथा शिलालेख हैं उन्हें तुरंत बोधगया स्थित संग्रहालय में स्थानांतरित किया जाए उन्होंने बताया कि धरना आंदोलन 6 मार्च को आयोजित किया जाएगा और रैली प्रदर्शन 12 मार्च को आयोजित की जाएगी यदि सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो उसके विरोध में और आंदोलन पूरे देश भर में होगा जिसकी लाइन ऑर्डर की समस्या सरकार की खुद जिम्मेदारी होगी महाबोध महा बिहार को विधर्मियों से आजाद करने के लिए बहुत महा बिहार पौधों के हवाले करने के लिए आने वाले समय में देशव्यापी जेल भरो आंदोलन भी चलाया जाएगा ज्ञापन देने वालों में आरसी प्रेमी भानु प्रताप सिंह डॉक्टर छोटेलाल ओंकार सिंह रमेश बाबू गौतम राकेश बाबू धर्मपाल सिंह शिवलाल मोहनलाल बौद्ध प्रेम प्रकाश हरिओम सागर सुरजस सागर दीप आर्य इंजीनियर राजवीर सिंह बलवीर सिंह बौद्ध आदि उपस्थित थे और उसको सही करो।