बरेली। यह कहानी एक परिवार के लंबे समय तक बिछड़े रहने और फिर से मिलने की है, जो बहुत ही मार्मिक और प्रेरणादायक है। समीर अहमद और उनकी पत्नी विसेन ने 22 साल तक अपने बेटे छोटन की तलाश में कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी। आखिरकार, उनकी मेहनत और प्रार्थनाओं का फल मिला और उनका बेटा उन्हें वापस मिल गया। छोटन की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। वह जम्मू कश्मीर में अपने परिवार से बिछड़ गया था और फिर चांद मियां ने उसे अपनाया। चांद मियां ने न केवल उसका पालन-पोषण किया, बल्कि उसे एक नया जीवन भी दिया। छोटन ने अपनी नई जिंदगी में शादी की और चार बच्चों का पिता बना। हालांकि, उसके मन में अपने असली परिवार की याद हमेशा बनी रही। जयपुर में काम करते हुए, छोटन की कहानी उसके पुराने परिवार के बारे में चर्चा का विषय बन गई। जब कुछ लोगों ने उसकी कहानी सुनी और उसकी पहचान की, तो उन्होंने समीर अहमद को सूचना दी। इसके बाद समीर और उनकी पत्नी जयपुर पहुंचे और छोटन से मिले। यह मुलाकात बहुत ही भावुक थी, जहां छोटन ने अपनी मां को पहचान लिया और उनसे लिपट गया। आज छोटन अपने माता , चाचा के साथ घर वापस आ गया है और पूरी बस्ती में खुशी का माहौल है। छोटन की पत्नी और बच्चे अभी उसके मायके में हैं, लेकिन समीर अहमद ने कहा कि वे जल्द ही उन्हें धूमधाम से वापस लाएंगे। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि आशा और प्रयास कभी नहीं छोड़ना चाहिए। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर हम हार नहीं मानते हैं, तो एक दिन सफलता जरूर मिलती है।