यूपीसी स्कूल में वसंत पंचमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया,विभिन्न कार्यक्रम हुए

बदायूँ। विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती के पूजन का पर्व बसंत पंचमी यू.पी.सी. स्कूल में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें प्रधानाचार्य, शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की। विद्यालय के शिक्षकों ने विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के महत्व पर विस्तार से बताया और इस दिन को विद्या, संगीत, कला और ज्ञान के प्रति समर्पित करने का संदेश दिया। शिक्षकों ने अपने प्रेरणादायक शब्दों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक और समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया।

इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आरंभ हुई। इस अवसर पर नृत्य प्रतियोगिता और कला प्रतियोगिता आयोजित की गई, जो मां सरस्वती की कला एवं ज्ञान की प्रतीकात्मकता को दर्शाती हैं। छात्रों ने अपने नृत्य और कला के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का परिचय दिया। नृत्य प्रतियोगिता में छात्रों ने शास्त्रीय और पारंपरिक संगीत पर आधारित प्रस्तुतियां दीं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गईं। वहीं, कला प्रतियोगिता में छात्रों ने चित्रकला और हस्तकला के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति को उकेरा। इन प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया, जिससे पूरे कार्यक्रम में उत्साह और ऊर्जा का संचार हुआ। निर्णायकों ने छात्रों की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ कला और संस्कृति को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मज्ञान और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का दिन भी है। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों और छात्रों की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में छात्रों और शिक्षकों ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती की आरती की और ज्ञान एवं बुद्धि की प्रार्थना की। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए एक सांस्कृतिक अनुभव बना, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध हुआ। पूरे दिन विद्यालय का वातावरण उल्लासपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहा, जिससे यह उत्सव एक यादगार एवं प्रेरणादायक दिन के रूप में संपन्न हुआ।