बरेली के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के शिक्षकों के लिए फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

बरेली। फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट साइंस, श्री राम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बरेली द्वारा बरेली कॉलेज, बरेली के स्ववित्तपोषित विषयों एवं पाठ्यक्रमों के शिक्षकों के लिए एक दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन दिनांक 23 दिसंबर 2024 को एस.आर.एम.एस अलखनंदा स्टाफ क्लब में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बरेली कॉलेज, बरेली की प्रबंध समिति के सचिव देव मूर्ति, श्री राम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बरेली के प्राचार्य डॉ प्रभाकर गुप्ता, स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक डॉ ए.पी. सिंह एवं डॉ वंदना शर्मा द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ संपन्न हुआ। डॉ प्रभाकर गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं OBE पर अपने विचार रखे। फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष प्रो. अनुज कुमार ने फेकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के विषय पर प्रकाश डालते हुए OBE और LOCF के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा सभी को अवगत कराया कि वर्ष 2024 से SRMS CET, बरेली के MBA पाठ्यक्रम को NBA की मान्यता प्रदान की गई है। डॉ ए पी सिंह ने संस्थान के चेयरमैन श्री देव मूर्ति जी की निष्ठा और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों के कारण ही शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के चलते वैश्विक मानचित्र में srms का नाम विगत 28 वर्षों में आ सका है। उन्होंने कहा कि बहुत ही सौभाग्य का विषय है कि सचिव महोदय के नेतृत्व में बरेली कॉलेज, बरेली के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का दायित्व उनको प्राप्त हुआ है। तत्पश्चात सचिव देव मूर्ति ने शिक्षक संकुल का आवाहन किया कि वे उच्च शिक्षा को आउटकम बेस्ड बनाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दें जिससे बरेली कॉलेज, बरेली के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी वैश्विक मानकों पर खरे उतर सकें और महाविद्यालय का नाम विश्व में रोशन हो सके। उन्होंने सभी शिक्षकों के आश्वासन दिया कि पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता सुधार के उपरांत शिक्षकों के वेतनमान में वृद्धि की जाएगी। उक्त कार्यक्रम में तीन टेक्निकल सेशन आयोजित किए गए। प्रथम सेशन में प्रो सौरभ गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में निहित ओबीई तथा LOCF के बारे में सभी प्रतिभागियों के साथ विस्तार से चर्चा की। द्वितीय सेशन में डॉ मोहम्मद दानिश चिश्ती ने शिक्षकों को बताया कि किस तरह से OBE और LOCF को पठन पाठन प्रक्रिया में शामिल करके पाठ्यक्रमों में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। अंतिम सैशन में डॉ शोभित सक्सेना और डॉ दीपक बत्रा ने व्यावहारिक एवं क्रियाशील तरीके से एक वर्कशॉप के संचालन के माध्यम से सभी शिक्षकों को अपने अपने पाठ्यक्रम में OBE और LOCF क्रियान्वित करने संबंधी प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ अनुज कुमार ने सभी का धन्यवाद दिया और भविष्य में भी सम्मिलित रूप से इसी तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से विचार साझा करते रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर बरेली कॉलेज, बरेली की अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ बीनम सक्सेना एवं स्थापना प्रभारी डॉ दयाराम भी उपस्थित रहे।