साहित्य परिषद ने विभिन्न जनपदों के 148 विजेताओं को पारितोषिक प्रदान किए।
बरेली । अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत बरेली के तत्वावधान में प्रांतीय कहानी प्रतियोगिता का पारितोषिक वितरण समारोह चन्द्रकांता आडिटोरियम में आज सम्पन्न हुआ। इस समारोह में ब्रज प्रांत के विभिन्न जनपदों में आयोजित प्रांतीय कहानी प्रतियोगिता के 148 विजेताओं को अतिथियों द्वारा पारितोषिक प्रदान किए गए। इस अवसर पर प्रतियोगिता कराने वाले शिक्षक / शिक्षिकाओं एवं प्रधानाचायों को भी सम्मानित किया गया । समारोह को संबोधित करते हुए प्रांतीय महामंती डॉ. शशिबाली राठी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कुटुम्ब हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। और वर्तमान पीढ़ी को उसकी महत्ता से अवगत कराने के लिए यह कहानी प्रतियेगिता आयोजित की गई है । कहानी प्रतियोगिता के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि कहानी साहित्य की अत्यंत प्राचीन विधा है। जिस समय लिपि तथा व्याकरण का विकास नहीं हुआ था तब भी कहानी सुनी और सुनाई जाती थी।
इसलिए हमारी युवा पीढ़ी को परिवार प्रणाली की उपयोगिता को बनाए रखने के उद्देश्य से -छात्र / छात्राओं के वि मध्य ‘कुटुम्ब ‘ विषय पर कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । उन्होंने बताया कि ब्रज प्रांत के 14 जिलों में गया। विभिन्न जनपदों के 146 विद्यालयों में कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें लगभग 3000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से पधारे साहित्य परिषद के सह संगठन के मंत्री मनोज जी ने कहा कि परिवार समाज की सबसे सशक्त इकाई है । परन्तु वर्तमान परिवेश में परिवारों का आकार सिकुड़ता जा रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है। परिवार चरित्र निर्माण की पाठशाला है । इसलिए परिवार की संरचना अक्षुुण्य रहे यह सामायिक आवश्यकता है। उन्होंने व्रज प्रांत द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता की सराहना की और इसके लिए समस्त पदाधिकारियों को बधाई दी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. पवन पुत्र ‘बादल’ ने कहा कि कहानी हमारे पुराणों और धार्मिक साहित्य का भी अभिन्न अंग है। के कहानी के माध्यम से हम कोई भी स्चनात्मक संदेश समाज को सुगमता पूर्वक दे सकते हैं। उन्होंने राम कथा भागवत का आदि का उदाहरण दिया । उन्होंने कहा कि परिवार प्रणाली को बचाने के लिए साहित्यकार आगे आएं। इस अवसर पर मनोज जी , डाॅ पवनपुत्र बादल , डाॅ सुरेश बाबू मिश्रा ,हरि प्रकाश हरि ,डाॅ शशि बाला राठी तथा पुरूषोत्तम पाटिल ने इंटर कालेज , डिग्री कालेज के बिजेता छात्र / छात्राओं तथा विजेता कहानीकारों को पारितोषिक प्रदान किए और उन्हे बधाई दी । कार्यक्रम का संचालन पूर्व राज भाषा अधिकारी प्रभाकर मिश्र द्वारा किए गया। कवि रोहित राकेश ने सभी का आभार व्यक्त किया ।इससे पूर्व मोदन चंद्र पांडेय की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। उमेश चंद्र गुप्ता ने अभिनन्दन गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर श्री हरि प्रकाश ‘हरि’, प्रो पुरुषोत्तम पाटिल, संतोष मिश्रा , डॉ. सी.पी. शर्मा, विकास सारस्वत , जितेन्द्र पाल सिंह चौहान, रोहित राकेश , डॉ. अखिलेश कुमार गुप्ता, प्रवीण शर्मा, डाॅ रवि प्रकाश शर्मा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, उमेश चन्द्र गुप्ता, एस. के. कपूर, आर सी. पांडेय, अनुराग उपाध्याय ,डाॅ अनिल मिश्रा, सरदार गुरुविन्दर सिंह, जूही शर्मा ,सरिता सक्सेना, डॉ. विनीता सिंह, निर्भय सक्सेना, अंकिता मिश्रा , ज्योत्सना कपिल, प्रतिभा पांडेय , रवीन्द्र मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं प्रबुद्ध जन मोजूद रहे।