बरेली।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि इस्लाम ने महिलाओं को बहुत बड़ा मुकाम और हैसियत दी है, महिलाओं को घरों की जिनत बताया है , और पर्दा करने का हुक्म दिया है। शेहरो को शरियत ने ये आदेश दिया है कि वो अपनी बीबीयों के साथ हुसने सलूक यानी अच्छे व्यवहार के साथ पेश आएं। मौलाना ने कहा कि आज कल मार्केट में हिजाब को एक फैशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, हिजाब बनाने वाली कम्पनियां लोक लुभावने अंदाज में लिबास तैयार कर रही है, उनका तो काम सिर्फ पैसा कमाना है, शरियत की खिलाफरजी कहा हो रही है इससे कोई मतलब नहीं। अभी मार्केट में एक ऐसा हिजाब आया है जिसके ऊपर माशाअल्लाह शब्द लिखा हुआ है, इस तरह का पर्दा इस्लाम में जायज़ नहीं है क्योंकि औरतों के लिए पर्दा इसलिए होता है कि मर्दों का ध्यान उनकी तरफ़ आकर्षित न हो, उनकी निगाह ना पड़े। मौलाना ने व्याख्या करते हुए बताया कि आजकल बाजार में उपलब्ध नक़ाब ऐसे आ रहे हैं किसी पर “माशा अल्लाह” किसी पर ख़ुद उस लड़की का नाम लिखा हुआ होता है, किसी पर इतना उभरा हुआ नक़्श निगार होता है जिसकी वजह से तो मर्द और भी ज़्यादा औरतों की तरफ़ माइल (ध्यान केंद्रित) हो जाते हैं जो कि पर्दे के मक़सद के बिलकुल ख़िलाफ़ है ऐसा पर्दा स़वाब नहीं बल्कि गुनाह हो रहा है , इसलिए मैं मुस्लिम महिलाओं से गुजारिश करता हूं कि इस तरह के नक़ाब और हिजाब से बचें, उसका इस्तेमाल न करें।मौलाना ने आगे कहा हिजाब बनाने वाली कम्पनियां भी इस बात का लिहाज व पाज रखें कि महिलाओं की सादगी बरकरार रहे, और महिलाओं को भी इस बात का ध्यान रखना होगा, कि ऐसे हिजाब का इस्तेमाल करें, जिससे उनकी सादगी और पाकिजगी बनी रहे।