इमामे ईदगाह मौलाना राशिद अली के नेतृत्व में कमिश्नर व डीआईजी से मिला प्रतिनिधि मण्डल
सम्भल। एतिहासिक ईदगाह सम्भल के नवनियुक्त इमाम मौलाना हाफिज व कारी राशिद अली के नेतृत्व में स्थानीय उलेमा इकराम का एक शिष्टमण्डल ने मुरादाबाद पहुंचकर मण्डलायुक्त आन्जेनय कुमार सिंह व पुलिस उपमहानिरीक्षक परिक्षेत्र मुरादाबाद मुनिराज से भेंट की और उन्हें मरकज अहले सुन्नत अजमल उलूम सम्भल के प्रबंधक द्वारा हस्ताक्षरित पत्र सौंपकर इमामे ईदगाह के मुद्दे पर वार्ता की और उन्हे यहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया। जिस पर दोनो अफसरों ने मामले को बड़ी गम्भीरता पूर्वक सुनकर आवश्यक कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया। उधर उलेमा इकराम ने डीएम डॉ0 राजेन्द्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार से भी शिष्टाचार वश भेंट की। कमिश्नर व डीआईजी तथा डीएम सम्भल एवं एसपी को सौंपे गए पत्र मे कहा गया है की शहर सम्भल की एतिहासिक ईदगाह के कार्यवाहक इमाम कारी सुलेमान अशरफ के आकस्मिक निधन से रिक्त हुए इमामे ईदगाह के गरिमामय पद को भरने के लिए आवश्यक था कि इसके लिए एक सुयोग्य एवं धार्मिक शिक्षा के जानकार एवं पात्र व्यक्ति का चयन किया जाए तथा इस विषय पर क्षेत्रीय धर्म गुरुओं से भी उनकी राय व मशवराह लेकर कोई फैसला किया जाए। इसी के तहत शहर के धार्मिक शिक्षा के केन्द्र मरकजी मदरसा अहले सुन्नत अजमन उल उलूम तेल मण्डी आर्य समाज रोड सम्भल में 01 नवंबर 2024 को 63 वे उसे अजमली के कुल शरीफ की रस्म में शरीफ होने जनपद सम्भल समेत प्रदेश के अन्य जिलों से पहुंचे उलेमा इकराम (धार्मिक गुरुओं, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोगों की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसा जियाउल उलूम सरायतरीन जनपद सम्भल के प्रधानाचार्य मौलाना हाफिज कारी राश्दि अली को एतिहासिक ईदगाह में ईदुल फितर की नमाज अदा कराने के लिए इमाम बनाए जाने का ऐलान किया गया। जिस पर हजारों अकीदतमन्दों ने मौलाना हाफिज व कारी राशिद अली को इमाम बनाये जाने पर उनका हार्दिक अभिनन्दन किया। यहां यह उल्लेख किया जाना भी समीचीन होगा कि सम्भल की एतिहासिक ईदगाह में ईदुल अजहा (बकरीद) की नमाज पूर्व से ही मौलाना जहीरुल इस्लाम अदा कराते चले आ रहे हैं। इसके अग्रेत्तर यह भी अवगत कराना है कि मरकजी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम, तेल मण्डी आर्य समाज रोड सम्भल में रूयते हिलाल कमेटी (चाँद की घोषणा करने वाली कमेटी गठित है। जिसकी नियमित रूप से बैठकें आयोजित कर इस्लामिक धर्म गुरुओं की ओर से ईदुल फितर व ईदुल अजहा का पर्व मनाने की घोषणा चन्द्र दर्शन के आधार पर की जाती है। इसके साथ-साथ पैग़म्बरे साहब की के यौमे पैदाईश के अवसर पर मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम के नेतृत्व में ही जुलूसे मुहम्मदी परंपरागत रूप से निकाला जाता है। जिसमें सम्भल व आस आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं एवं जुलूस को शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न कराने के लिए स्थानीय व जिला पुलिस-प्रशासन भी चाक-चौबंद व्यवस्था कराता है। शिष्ट मण्डल मे कारी तंज़ीम अजमली, मुफ़्ती आलम रज़ा नूरी, मुफ़्ती महबूब वस्ती, मुफ़्ती नज़ाक़त हुसैन, मौलाना मु. आक़िल, कारी अबू शैमा, हाफ़िज़ कारी अनीस, मौलाना मु.मसरूर अशरफी, मौलाना वसी अशरफ, तकी अशरफ एडवोकेट, मु. हाशिम, ज़ुबैर अशरफ आदि मौजूद रहे।