दिव्यांग बच्चों ने लगाया भव्य दीपावली मेला

बरेली । जीवनधारा पुनर्वास एवं शोध संस्थान के दिव्यांग छात्रों एवं छात्राओं द्वारा आईएमए में दीपावली मेले का आयोजन किया गया। दिपावली मेले का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आर के सिंह, अध्यक्ष आईएमए , डॉक्टर आर पी सिंह सचिव, आईएमए , डॉक्टर वीके चावला, प्रोफेसर डॉक्टर अमिताव मिश्रा, अध्यक्ष जीवनधारा पुनर्वास एवं शोध संस्थान, शाश्वती नंदा, निदेशिका, जीवनधारा पुनर्वास एवं शोध संस्थान, डॉक्टर राका चावला, डॉक्टर प्रमेन्द्र महेश्वरी, डॉक्टर अनीता अजय भारती, डॉक्टर संध्या सिंह, डॉक्टर अशोक तिवारी, आई वी आर आई , रोटेरियन पी पी सिंह, अखिल रस्तोगी सी.ए , अध्यक्ष इन्कम टैक्स / सैल्सटैक्स बार एसोसिएशन, बरेली ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। जीवनधारा पुनर्वास एवं शोध संस्थान के दिव्यांग बच्चों द्वारा बनायें गये सामान जैसें – रगं बिरंगे दीये, जैली दीये, फ्लोटिंग कैड़िल, कैड़िल, झालर, कन्डील, पूजा आसन, रंग बिरंगे बैठने का आसन, हैण्ड बैग, साड़ी कवर, टेवल कवर, गिफ्ट कवर, स्कार्फ, एपरन, डोरमैट, फ्रिज़ कवर, रूमाल, दीपावली पर घर की सजावट का सामान, खाने का सामान आदि का स्टॉल लगाकर उनके द्वारा बनाये गये सामान का प्रदर्शन किया गया। शाश्वती नन्दा, निदेशिका जीवनधारा पुनर्वास एवं शोध संस्थान कि ने बताया कि इस दिपावली मेले के आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों में व्यावसायिक कौशलों का विकास करना, प्रधानमंत्री जी के “मेक इन इंडिया” मिशन का बढ़वा देना, इस अभियान की तर्ज पर हस्तकौशलों का प्रयोग करके दीपावली पर्व पर घर की सजावट एवं अन्य सामान जो इस त्योहार में प्रयोग किया जाता है

उसकों स्वयं बनाना, खरीद-फरोख्त कौशलो को सीखना, स्वःरोजगार का बढ़वा देना, बच्चों को जीवनयापन करने योग्य बनाना, तथा उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ना आदि है। शाश्वती नंदा ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से इन बच्चों को एक समावेशी माहौल मिलता है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ना, इनको प्रोत्साहित करना, आत्मनिर्भर बनाना, बच्चों का सामाजिकरण करना आदि विभिन्न प्रकार के उद्देश्य सम्मिलित है। मुख्य अतिथि डॉक्टर आर के सिंह ने संस्थान द्वारा बनाये गये उपरोक्त समान की बहुत ही प्रशंसा की उन्होने संस्थान के स्पेशल बच्चों वासु तिवारी, हनी सिंह, कृष्णा, हर्ष भाटिया, अवनीश, मोहम्मद आमान, तनिष्क, गोविन्द, केशव, धानी, शिवम, आयुष, अर्पित, चेतना, कीर्ति, रूकमणी, अंशुल, अंश वर्मा, ऋषि वर्मा, नाईल, एवं प्रधानाध्यापिका सोनल भाटिया, रूकसार खान, फारिया, हेमा चौहान, रजनी गंगवार, सोनम पाण्डेय, भगवती मोहाकुड, काजल यादव, नाजिया इरफान, विपिन सक्सेना, मोहम्मद गौहर अब्बास, पुनर्वास अधिकारी एक राम सिंह, प्रशासक हर्ष चौहान आदि के विशेष योगदान की बहुत सरहाना की।