नौकरी गई घर भी छिना अब क्या करे सुमन

बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा के चतुर्थ थिएटर फेस्टिवल रंग महोत्सव इंद्रधनुष 2024 के पांचवें दिन गुरुवार को नई दिल्ली के फाइव एलीमेंट्स की ओर से नाटक “सुमन वर्सेज सुमन” का मंचन किया गया। लेखक नील साइमन लिखित इस नाटक को हिंदी में रूपांतरित और निर्देशित राखी चौहान मेहरा व मानव मेहरा ने किया। नाटक की मुख्य पात्र सुमन अपनी 14 वर्ष की बेटी जिया के साथ मुंबई में एक किराए के फ्लैट में रहती है। एक दिन कंपनी से उसे नोटिस मिलता है, जिसमें छंटनी के कारण उसे नौकरी से निकाले जाने की सूचना दी जाती है। उसी दिन फ्लैट के मालिक अग्रवाल ने उसे घर खाली करने का नोटिस दिया। अब उसके पास न तो नौकरी है और न ही घर। इससे पहले कि वो कुछ निर्णय ले पाए अमर, अकबर और एंथोनी उसके घर में किसी का समान ले आते हैं। घर के पते को लेकर उनकी बहस चल ही रही थी कि वहां एक अभिनेता सुमन राज आता है और बताता है कि अब यह फ्लैट उसे किराए पर दिया गया है। इस बात पर दोनों उलझ जाते है। ऐसे में प्रोपर्टी डीलर उन्हें फ्लैट शेयर करने की सलाह देता है। मजबूरन दोनों उसी फ्लैट में रहने का निर्णय लेते हैं। सुमन और सुमन राज के स्वभाव और तौर तरीकों में बहुत अंतर है जिससे परिस्थितियां हास्य की बनती हैं।

जिसमें माइकल द्वारा नाटक का निर्देशन करना, अमर, अकबर, एंथोनी का कभी मजदूरी, कभी चोरी करना, कभी नाटक में अभिनय करना जैसे अनेक घटनाक्रमों ने दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर किया। वहीं कुछ संवेदनशील दृश्यों ने भावुक भी किया। नाटक में सुमन का मुख्य किरदार राखी चौहान मेहता ने निभाया। जिया की भूमिका में मानसी मेहता और सुमन राज के रोल में मानव मेहरा ने शानदार अभिनय किया। नितिन बुरा (अमर), साकेत उपाध्याय (अकबर), मयंक गुलाटी (एंथनी), डॉ. विवेक कुमार (अग्रवाल) और माजिन अजीज (माइकल) ने भी अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। नाटक में संगीत रियांशी व्यास ने दिया, जबकि प्रकाश संयोजन की जिम्मेदारी माजिन अजीज और डॉ. विवेक कुमार ने संभाली। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय शायर प्रोफेसर वसीम बरेलवी, अमर उजाला बरेली यूनिट के महाप्रबंधक अतुल मिश्रा, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति , डा. रीटा शर्मा ने दीप प्रज्वलन किया। इस मौके पर आशा मूर्ति , उषा गुप्ता, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।